Bihar Crime: थावे दुर्गा मंदिर चोरी के बाद पुलिस एनकाउंटर पर सियासी बवाल, भाजपा विधायक की टिप्पणी से बढ़ी हलचल
बिहार के गोपालगंज स्थित प्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर चोरी कांड के बाद हुई पुलिस कार्रवाई अब राजनीतिक विवाद का रूप लेती दिख रही है। चोरी के आरोपी के साथ हुए पुलिस एनकाउंटर को लेकर भोजपुर जिले के शाहपुर से भाजपा विधायक राकेश विशेश्वर ओझा का बयान सामने आया है, जिसने सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है।
- Bihar Crime: थावे दुर्गा मंदिर चोरी के बाद पुलिस एनकाउंटर पर सियासी बवाल, भाजपा विधायक की टिप्पणी से बढ़ी हलचल
- Bihar Crime: ‘आस्था पर हमला है थावे मंदिर में चोरी’—विधायक का बयान
- Bihar Crime: एनकाउंटर पर उठाया सवाल, दिया विवादित बयान
- Bihar Crime: मंदिर में एंट्री को लेकर भी उठाए सवाल
- Bihar Crime: क्या है पूरा मामला?
- Bihar Crime: बयान के बाद तेज हुई राजनीतिक प्रतिक्रिया
- Bihar Crime: कानून व्यवस्था बनाम राजनीतिक बयानबाज़ी
विधायक ने पुलिस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में और कठोर कदम उठाए जाने चाहिए थे। उनके इस बयान के बाद विपक्षी दलों से लेकर प्रशासनिक स्तर तक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
Bihar Crime: ‘आस्था पर हमला है थावे मंदिर में चोरी’—विधायक का बयान
भाजपा विधायक राकेश विशेश्वर ओझा ने थावे दुर्गा मंदिर में हुई चोरी की घटना को लोगों की आस्था पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा कि थावे मंदिर बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है और यहां इस तरह की घटना अत्यंत गंभीर है।
विधायक ने कहा कि धार्मिक स्थलों में अपराध करने वालों के प्रति किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने पुलिस कार्रवाई को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त संदेश जाना चाहिए।
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Bihar Crime: एनकाउंटर पर उठाया सवाल, दिया विवादित बयान

थावे मंदिर चोरी कांड के आरोपी के साथ हुए पुलिस एनकाउंटर को लेकर विधायक राकेश विशेश्वर ओझा ने बयान देते हुए कहा कि पुलिस ने आरोपी के पैर में गोली मारी, जो उनके अनुसार गलत था। विधायक ने कहा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ और कड़ा कदम उठाया जाना चाहिए था।
उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है। कई लोग इसे कानून व्यवस्था से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी भी कह रहे हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से अब तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
Bihar Crime: मंदिर में एंट्री को लेकर भी उठाए सवाल
विधायक ने अपने बयान में यह भी कहा कि थावे मंदिर जैसे धार्मिक स्थल में आरोपियों की एंट्री कैसे हुई, इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने इस पूरे मामले की गहन जांच की मांग की और कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में अगर कोई चूक हुई है, तो उसे उजागर किया जाना चाहिए।
इस बयान के बाद मामला और संवेदनशील हो गया है, क्योंकि यह मुद्दा धार्मिक स्थल की सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुड़ा हुआ है।
Bihar Crime: रानीसागर इलाके को बताया चिंता का विषय
विधायक राकेश विशेश्वर ओझा ने भोजपुर जिले के शाहपुर क्षेत्र के रानीसागर इलाके को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह इलाका धीरे-धीरे अपराध का केंद्र बनता जा रहा है और यहां अपराधियों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में वे भोजपुर के जिलाधिकारी से बात करेंगे और इलाके की स्थिति की विस्तृत जांच कराए जाने की मांग करेंगे।
Bihar Crime: क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि बिहार के चर्चित थावे दुर्गा मंदिर चोरी कांड में आरोपी इंजमामुल का नाम सामने आया था। बताया जा रहा है कि आरोपी पिछले करीब एक साल से भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के रानीसागर इलाके में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था।
पुलिस कार्रवाई के दौरान गोपालगंज में आरोपी के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें उसे पैर में गोली लगी थी। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था।
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Bihar Crime: बयान के बाद तेज हुई राजनीतिक प्रतिक्रिया
भाजपा विधायक के इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हो गई है। विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे कानून के शासन के खिलाफ बताया है, जबकि कुछ लोग इसे भावनात्मक प्रतिक्रिया करार दे रहे हैं।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले पर नजर रखी जा रही है और कानून के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, थावे मंदिर चोरी कांड और उस पर आई राजनीतिक टिप्पणियां बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
Bihar Crime: कानून व्यवस्था बनाम राजनीतिक बयानबाज़ी
यह मामला एक बार फिर इस सवाल को जन्म देता है कि कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में राजनीतिक बयानबाज़ी की सीमा क्या होनी चाहिए। जहां एक ओर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण बड़ा मुद्दा है, वहीं दूसरी ओर संवेदनशील बयानों से सामाजिक तनाव बढ़ने की आशंका भी बनी रहती है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस पूरे प्रकरण को किस तरह से संभालता है और आगे की कार्रवाई क्या रूप लेती है।
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