Bihar Bhumi: विजय सिन्हा का सख्त अल्टीमेटम, कहा- अब लटकाओ-भटकाओ नहीं, 14 जनवरी से पहले CO पर होगी कार्रवाई

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Bihar Bhumi मामलों पर सहरसा में अधिकारियों को निर्देश देते डिप्टी CM विजय सिन्हा
Highlights
  • • सहरसा में भूमि सुधार जन संवाद कार्यक्रम • 420 मामलों में 14 जनवरी से पहले कार्रवाई का आदेश • “लटकाओ-भटकाओ” कार्यशैली पर सख्त रोक • लापरवाह अंचल अधिकारियों पर कार्रवाई तय • भावुक फरियादी को डिप्टी CM ने समझाया

Bihar Bhumi पर सहरसा से बड़ा संदेश: अब जमीन मामलों में ढिलाई नहीं

सहरसा में आयोजित भूमि सुधार जन संवाद कार्यक्रम के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साफ शब्दों में यह संकेत दे दिया कि अब जमीन से जुड़े मामलों में देरी, टालमटोल और लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनसुनवाई के दौरान उन्होंने अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश देते हुए कहा कि वर्षों से चली आ रही “लटकाओ-भटकाओ” की कार्यशैली अब पूरी तरह खत्म होनी चाहिए।

यह जनसुनवाई इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इससे चार दिन पहले ही बिहार राजस्व संघ ने उपमुख्यमंत्री की भाषा को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इसके बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक जनसुनवाई थी, जहां उनका रुख स्पष्ट, रणनीति तय और संदेश बेहद कड़ा नजर आया।

Bihar Bhumi मामलों में 420 के तहत कार्रवाई का निर्देश

जनसुनवाई के दौरान सामने आए कुल 420 जमीन से जुड़े मामलों को लेकर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि गड़बड़ी, अनियमितता और नियमों की अनदेखी करने वालों पर तुरंत कार्रवाई शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि हर अंचल से कम से कम दो ऐसे मामलों में जनवरी महीने के भीतर पहली कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।

विजय सिन्हा ने यह भी साफ किया कि 14 जनवरी से पहले-पहले कार्रवाई पूरी होनी चाहिए, ताकि गलत काम करने वालों में डर पैदा हो और आम लोगों को समय पर न्याय मिल सके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी जानबूझकर मामलों को लटकाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

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Bihar Bhumi सिस्टम में बदलाव का दावा, नई सरकार-नई कार्यशैली

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डिप्टी सीएम ने कहा कि नई सरकार के साथ नई कार्यप्रणाली लागू हो चुकी है और अब सभी अधिकारियों को उसी के अनुरूप काम करना होगा। उन्होंने माना कि अंचल अधिकारियों पर काम का दबाव अधिक है, लेकिन यह दबाव लापरवाही का बहाना नहीं बन सकता।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अधिकारी कार्यालय में बैठकर जनता से जुड़े मामलों का समयबद्ध समाधान करें, न कि फाइलें दबाकर रखें। निर्देशों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी उन्होंने दोहराई।

जनसुनवाई में बदला हुआ अंदाज, कर्मचारियों को कहा “योद्धा”

सुनवाई की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री का नरम और संवादात्मक रूप भी देखने को मिला। उन्होंने कर्मचारियों को “भाई” कहकर संबोधित किया और उन्हें “योद्धा” बताते हुए काम के लिए प्रेरित किया। पंचायत प्रतिनिधियों को खड़ा कर उन्होंने सवाल किया कि क्या सभी अपनी-अपनी परीक्षा के लिए तैयार हैं।

हालांकि यह नरमी केवल संवाद तक सीमित रही, क्योंकि काम में लापरवाही को लेकर उनका रुख पूरी तरह सख्त दिखाई दिया।

Bihar Bhumi जनसुनवाई में भावुक पल, आत्महत्या की बात सुनकर रुके डिप्टी CM

जनसुनवाई के दौरान एक भावुक दृश्य भी सामने आया, जब जमीन विवाद से परेशान एक फरियादी रोते हुए आत्महत्या की बात कहने लगा। इस पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उसे समझाया।

उन्होंने कहा कि आत्महत्या से कोई समाधान नहीं निकलता, सरकार और प्रशासन आपकी मदद के लिए मौजूद हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता के साथ तुरंत समाधान निकाला जाए।

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दो साल से मापी नहीं होने पर फूटा गुस्सा, तुरंत कार्रवाई का आदेश

सुनवाई के दौरान एक हवलदार के बेटे ने शिकायत की कि उसकी जमीन की मापी पिछले दो साल से नहीं हो पा रही है। यह सुनते ही डिप्टी CM ने संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही फटकार लगाई और तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े छोटे-छोटे मामलों में देरी ही आगे चलकर बड़े विवादों का कारण बनती है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।

Bihar Bhumi मामलों में अब डर और अनुशासन दोनों

सहरसा की यह जनसुनवाई साफ संकेत देती है कि अब जमीन से जुड़े मामलों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने जहां एक ओर संवाद और संवेदनशीलता दिखाई, वहीं दूसरी ओर कार्रवाई को लेकर कोई नरमी नहीं बरती।

14 जनवरी की समयसीमा तय कर उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब सिर्फ निर्देश नहीं, नतीजे चाहिए। आने वाले दिनों में इसका असर अंचल कार्यालयों की कार्यशैली पर साफ दिखाई दे सकता है।

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