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पटनाः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आ रहे है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लम्बे अरसे के बाद मुलाकात बी करेंगे। सीएम नीतीश ने खुद इसकी घोषणा की कि वे अमित शाह के नेतृत्व में होने वाली बैठक में शामिल होंगे। दरअसल, पटना में 10 दिसम्बर को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हो रही है. बैठक में अमित शाह शामिल होंगे जबकि सीएम नीतीश के साथ ही झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्री आ सकते हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी होने के नाते अमित शाह और नीतीश कुमार पिछले कई महीने से एक दूसरे के साथ कोई बैठक नहीं किए हैं। ऐसे में इस बैठक को लेकर यह चर्चा थी कि सीएम नीतीश इसमें जाएंगे या नहीं। लेकिन नीतीश कुमार ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है और वे जरुर बैठक में शामिल होंगे। 

वहीं पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक राज्य में जीत मिली है। चुनाव में इस तरह का परिणाम होते रहता है। पहले राजस्थान और छतीसगढ़ में कांग्रेस थी। बड़े स्तर पर कांग्रेस को भी वोट मिला है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक जब भी होगी वे उसमें जरुर शामिल होंगे। उनके शामिल नहीं होने की कयासबाजी पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि हम तो कहते रहे हैं कि जल्द बैठक कीजिये. आपस में बातचीत कर सभी विपक्षी दलों में बेहतर समन्वय बनाएं क्योंकि लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय शेष नहीं बचा है. सीएम नीतीश ने कहा कि इंडिया के घटक दलों में जल्द से जल्द सारी बातें फाइनल हो जाए तो बेहतर रहेगा।

वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को फिर से दोहराते हुए नीतीश कुमार ने इसे बिहार के विकास के लिए जरूरी बताया. उन्होंने कहा, हमने राज्य में जाति गणना कराई, आर्थिक सर्वे में सभी जातियों की गरीबी का पता चला. इसलिए करीब 1 करोड़गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपए देने की जरूरत है. इसके लिए अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जल्द से जल्द मिल जाए तो सब कुछ तेजी से हो जाएगा. उन्होंने कहा, बिहार एक पौराणिक धरती है, विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो काफी अच्छा होगा।

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