मौलाना मजहरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कैग (CAG) ने सत्र 2017-22 में हुए वित्तीय अनियमितता का प्रमाण आर्थिक अपराध के लिस्ट में प्रस्तुत किया है। इस पूरे मामले में यूनिवर्सिटी के कुलसचिव कामेश कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। जिसको लेकर यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों में भी काफी गुस्सा है, लेकिन अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके कुलसचिव अपने पद पर बने हुए है।
आइसा (AISA) के राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्र आंदोलन के प्रति असंवेदनशील है। छात्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम देकर शैक्षणिक संस्थान के बदहाल स्थिति को बढ़ावा देना उच्च शिक्षा को बर्बाद कर रहा है।

बता दें कि आइसा ने शिक्षा मंत्री सहित अन्य सरकारी विभाग में कुलसचिव के भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्ञापन देकर अवगत कराया है, ऐसे में समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष सूरज यादव पर भ्रष्टाचार के विरोध में बोलने पर नोटिस जारी करना “अभिव्यक्ती की स्वतंत्रता” के अधिकार पर हमला है। छात्रविरोधी नीतिगत हमले करना एक बार फिर कुलसचिव के तानाशाही रवैए को दर्शाता है। अगामी दिनों में आइसा का विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन तेज होगा।
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