CM नीतीश के खिलाफ AISA कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी, बोले नेता- प्रगति यात्रा की आड़ में दमन कर रही है सरकार

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भाकपा-माले के मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने समस्तीपुर में मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान आंदोलनकारियों पर दमन की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी दमनकारी नीतियों से बाज आए और लोकतांत्रिक प्रतिरोध के अधिकार का सम्मान करे। बता दें कि मुख्यमंत्री जब समाहरणालय के भीतर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे, उसी समय बाहर आइसा और अन्य छात्र संगठनों के कार्यकर्ता बीपीएससी पीटी परीक्षा घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने “मुख्यमंत्री वापस जाओ” के नारे लगाए और अपनी मांगें बुलंद की।

ज्ञात हो कि बीपीएससी पीटी परीक्षा घोटाले और इसके बाद हुए बर्बर दमन ने पूरे राज्य में युवाओं को आक्रोशित कर दिया है। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, सरकार और प्रशासन ने उनकी जायज मांगों पर चर्चा करने के बजाय बल प्रयोग किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की।

धीरेन्द्र झा ने कहा कि भाकपा-माले लोकतंत्र और युवा प्रतिरोध की आवाज का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि सरकार दमन, मुकदमे और गिरफ्तारियों के जरिए न्याय की मांग कर रहे युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह प्रतिरोध और मजबूत होगा। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान कई छात्रों को हिरासत में लिया गया और स्थानीय थाने में घंटों तक तनावपूर्ण माहौल बना रहा। भाकपा-माले ने चेतावनी दी है कि अगर छात्रों को जेल भेजा गया तो राज्यभर में और भी व्यापक प्रतिवाद होगा।

उन्होंने कहा कि हम इस दमनकारी रवैये की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि बीपीएससी घोटाले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को सजा दी जाए। भाकपा-माले ने अपील की है कि राज्यभर में सभी प्रगतिशील और लोकतांत्रिक ताकतें इस अन्याय और दमन के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करें।

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