पटनाः ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन का 27वां पटना जिला सम्मेलन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में सर्वसम्मति से 51 सदस्यीय जिला परिषद् कमिटी वा नौ सदस्यीय सचिव मंडल का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष पर तौसिक आलम और सचिव पर मीर सैफ अली को को चुने गये। उपाध्यक्ष पर कुंदन,विद्यानंद पासवान, श्रेया कुसुम वा सह सचिव पर बिट्टू भारद्वाज, आदित्य राज, अभिमन्यु एंव कोषाध्यक्ष पद पर आमिर शाहिद को सर्वसम्मति से चुना गया।
सम्मेलन की शुरुआत सुभाष चंद्र बोस और शहीद ए आजम भगत की मूर्ति पर माल्यापर्ण कर किया गया और उन्हें याद किया गया। माल्यापर्ण जुलूस में ‘भगत सिंह के देश में जात पात धर्म का झगड़ा नही चलेगा’, इंकलाब जिन्दाबाद छात्र एकता जिंदाबाद ‘लडो पढाई करने को पढो समाज बदलने को’, नई शिक्षा नीति वापस लो, सबको शिक्षा की गारंटी करनी होगी जैसे गगनचुंबी नारे लगाते हुए यह जुलूस सम्मेलन स्थल रामावतार शास्त्री नगर, कालिदास रंगालय में पहुँच कर विधिवत सम्मेलन की शुरुआत झंडोत्तोलन करके किया गया इस 27वें पटना जिला सम्मेलन का झंडोत्तोलन एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार के द्वारा किया गया। इसके बाद आये हुए अतिथियों का पुष्प माला पहनाकर छात्र नेताओं ने स्वागत किया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता अक्षय कुमार और तौसिक आलम ने संयुक्त रूप से किया।
सम्मेलन का उद्घाटन AISF के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने करते हुए छात्रों को संगठन के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तृत रूप से बताया और शिक्षा का सांप्रदायिकरण, निजीकरण और व्यापारिकरण के लिए सरकार की नीतियों को गलत बताते हुए कहा ” जब से भाजपा की सरकार देश की गद्दी पर काबिज हुई है तब से देश का माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है इस देश की शिक्षा और शिक्षण संस्थानों पर लगातार हमले हो रहे हैं पिछले दिनों कई विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया गया है और नई शिक्षा नीति- 2020 की आड़ में तमाम शिक्षण संस्थानों को प्राइवेट हाथों में देने कि कोशिश हो रही है जिसका एआईएसएफ पुरजोर विरोध करता है।”
सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर सुबोध नारायण मालाकार अपनी बातों को रखते हुए कहा ” नई शिक्षा नीति 2020 अंग्रेजो के द्वारा लाया गया शिक्षा नीति की तरह ही विश्वविद्यालय से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को खत्म कर छात्रों को तकनीकी शिक्षा या वोकेशनल ट्रेनिंग पर जोर देकर शिक्षा को बाजार के हवाले किया जा रहा है यानी जिसके पास पैसा होगा सिर्फ वही पढ़ेगा। बाजार के हितों के अनुकूल शिक्षा देकर लोगो की सामाजिक- राजनीतिक चेतना को कुंद करने की पूंजीवादी कोशिश की जा रही है । नई शिक्षा नीति के तहत कई सिलेबस में फेरबदल कर कई महत्वपूर्ण चैप्टर को हटाया गया जो सरकार को शिक्षा विरोधी नीति को दर्शाता है। शिक्षाविद् अनिल कुमार राय ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 आने पर गरीब वंचित तबके के छात्र शिक्षा से दूर हो जाएंगे। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जगह अंधविश्वास को थोपा जा रहा है।
इस सम्मेलन में आयी महिला नेत्री शरद कुमारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा ” एआईएसएफ ही एकमात्र ऐसा छात्र संगठन है जो पूरे देश में छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा और लोकतांत्रिक कैम्पस के लिए हमेशा से संघर्ष कर रहा है। इस देश में हो रहे महिलाओं पर हिंसा अत्याचार के खिलाफ महिलाओं को ही आगे आ कर अपनी लडाई लड़नी पडेगी। सम्मेलन के दुसरे सत्र में प्रतिनिधि सत्र चलाया गया सांगठनिक सत्र में संगठन के राजनीतिक प्रतिवेदन अक्षय कुमार ने रखा वही सांगठनिक और कार्य प्रतिवेदन जिला सचिव मीर सैफ अली ने रखा प्रतिवेदन पर प्रतिनिधियों ने बहस में भाग लिया। प्रतिनिधि सत्र को संबोधित करते हुए एआईएसएफ पटना जिला के प्रभारी पुष्पेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि आज के समय में जब शिक्षा और शिक्षण संस्थानों पर ज्यादा हमले हो रहे हैं तब हमारी दायित्व और भी बढ़ जाती है कि हम सरकार के हर उस नीति का विरोध करेंगे जो शिक्षा और छात्र विरोधी नीतियां होगी। सडकों पर सबसे ज्यादा छात्रों के लिए संघर्ष करता हुआ दिखता है तो वह एआईएसएफ एकमात्र छात्र संगठन हैं। वही इस सम्मेलन में मौजूद बिहार राज्य कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक विद्रोही ने भी संगठन को आगे बढाने और छात्रों के हर उस समस्याओं को लेकर संघर्ष करने की बात की। वही सांगठनिक सत्र में कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव नई शिक्षा नीति 2020, समान शिक्षा प्रणाली, भगत सिंह रोजगार गारंटी एक्ट, नियोजित शिक्षकों राज्य कर्मी का दर्जा दिलाने, डोमिसाइल नीति, हेरिटेज भवनों का संरक्षण आदी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए गए। और अंत में 33वें बिहार राज्य सम्मेलन के लिए जिला से प्रतिनिधियों का चयन किया गया जो 22 से 24 जुलाई2023 को मुजफ्फरपुर में होने जा रहा है। सम्मेलन का समापन ‘हम होगें कामयाब एक दिन’ गीत से हुआ।
इस मौके पर मीर सरफराज अली, आलोक सिंह, मुकुल कुमार, गौतम कुमार, गुलशन, मनिष, विकास आनंद, अफजल गनी, अभिषेक कुमार, मुकेश कुमार, अंजली कुमारी रितिक कुमार, आलोक कुमार, अंकुश, राजा कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में छात्र मौजूद थें।