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बेगूसराय: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शुक्रवार को भागलपुर से हिंदू स्वाभिमान यात्रा शुरू करेंगे। इसका समापन किशनगंज में होगा। यात्रा को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल के नेता सवाल उठा रहे हैं। बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री ने पलटवार किया है। साथ ही यात्रा को पूरी तरह से गैर राजनीतिक बताया है।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि यात्रा पूरी तरह से गैर राजनीतिक है। मैं स्वामी दीपंकर के नेतृत्व में हिंदू बनकर जा रहा हूं। इसका न बीजेपी से कोई लेना-देना है, न इसका जदयू-एनडीए से कोई लेना देना है। हिंदुओं को जगाने के लिए हम स्वामी दीपंकर महाराज के नेतृत्व में यात्रा कर रहे है।

हिंदुओं को जगाना जरूरी है, क्योंकि हमको भुलाया नहीं है। कश्मीर में जिस तरीके से हिंदू ने पलायन किया। बांग्लादेश और पाकिस्तान की दुर्दशा हमने देखा है। वहां हमारी बेटियां शादी के मंडप से उठ गई। विभत्स दृश्य अभी बहराइच में देखा कि अब देश के अंदर दुर्गा मूर्ति के विसर्जन में क्या हुआ। क्या देश में बंटवारा इसी दिन के लिए हुआ था कि हमें दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन के लिए भी यात्रा का परमिशन लेना पड़ेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज मुझे लग रहा है कि देश का माहौल वोट के ठेकेदारों ने ऐसा बना दिया है कि हिंदुओं को जातियों में बांट दिया। अगर हम एकत्रित नहीं हुए तो फिर कश्मीर की तरह भागना पड़ेगा। पाकिस्तान और बांग्लादेश की तरह भागना पड़ेगा, कटना पड़ेगा। इसीलिए यह यात्रा है कि बंटोगे तो कटोगे। हम हिंदुओं को जगाने के लिए यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।

बाबा साहब अंबेडकर के मूलभूत भावनाओं के साथ जुड़ी हुई हमारी यह यात्रा है। जो लोग पूछते हैं और कहते हैं कि इनको इतनी ही पीड़ा है तो क्यों नहीं बांग्लादेश चले गए, जिसमें वहां हिंदुओं के साथ दुर्दशा हुई थी। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जब फिलिस्तीन और इजराइल की लड़ाई चल रही थी तो बेगूसराय से लेकर देश के हर शहर में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे हुए थे, उनको क्यों नहीं कहते।

कांग्रेस और राजद के लोग लेबनान के नसरुल्लाह की मौत के बाद छाती पीटने वाले को क्यों नहीं कहते हैं। वोट की खातिर यह कांग्रेस और राजद हिंदुओं को समाप्त करना चाहती है। इसलिए ऐसी यात्रा से वे घबरा रहे हैं।

आज बेगूसराय से चल रहे हैं, कल भागलपुर से नवगछिया, कटिहार, पूर्णिया, अररिया होते हुए किशनगंज 22 को पहुंचेंगे। रास्ते में वोट के सौदागर छाती पीट रहे हैं। मैं उन लोगों से कहता हूं कि हिंदूओं ने आज तक न कभी दंगा कराया, न उसकी जुबान से किसी के प्रति नफरत का शब्द निकला है। हम अपने को बचाने के लिए निकल रहे हैं।
हम अपने अस्तित्व के लिए निकल रहे हैं, अगर अस्तित्व ही नहीं रहा तो इस देश का लोकतंत्र भी खत्म हो जाएगा। राहुल गांधी चाहते हैं कि भारत मे गृह युद्ध हो। इसीलिए वह हमेशा हल्की बात करते हैं, कानून को नहीं मानते हैं। अगर उनको इतना ही था तो कांग्रेस को चुनाव का बहिष्कार करना चाहिए था।

बदरुद्दीन अजमल ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर संसद भवन बनाए जाने की बात पर गिरिराज सिंह ने कहा कि यह वही लोग कहते हैं, जो भारत को भारत माता नहीं मानते हैं। उनको भारत पर भरोसा नहीं है। संसद पर बोलने वाले की आइडेंटिटी ही खत्म हो जाती है। वक्फ बोर्ड कांग्रेस का नाजायज औलाद के रूप में है। जिसने कह दिया वक्फ जो कहे वही सही। कांग्रेस ने यह स्थिति पैदा की है। देश में कहीं कोई ऐसा संस्थान नहीं है, जो खुद कब्जा करे और खुद न्याय दे। कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड को पैदा किया, उसे खत्म कर देना चाहिए।

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