बिहार चुनाव से पहले ललन सिंह और अनंत सिंह की शक्ति प्रदर्शन, पटना से मोकामा के लिए रवाना..

By Live Bihar 896 Views
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड की तरफ से ताकत दिखाने की तैयारी शुरु हो गई है। केंद्रीय मंत्री और जदयू के कद्दावर नेता ललन सिंह के साथ पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना से मोकामा के लिए रवाना हो गए हैं। दोनों एक ही गाड़ी में बैठकर साथ रवाना हुए है। दोनों नेता सड़क मार्ग से मोकामा पहुंचे और वहां जनसंपर्क अभियान चलाया। बता दें कि सियासत में अब तक धुर विरोधी माने जाने वाले इन दो नेताओं का एक साथ आना बिहार की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे रहा।

बता दें कि जेल से बाहर आने के बाद अनंत सिंह ने JDU की टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उनके इस दावे पर JDU नेता नीरज कुमार ने खुलकर हमला बोला है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कार्यक्रम JDU के भीतर असंतोष को और भड़का सकता है।

वहीं अनंत सिंह की बात करें तो वे लंबे समय से मोकामा की राजनीति के केंद्र में रहे हैं। हाल ही में पटना हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिली है। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर माहौल गरमा दिया। ऐसे में ललन सिंह के साथ उनकी सार्वजनिक मौजूदगी को पार्टी राजनीति में बड़ा संदेश माना जा रहा है।

अनंत सिंह 5 अगस्त को जेल से रिहा होने के बाद सीधे राजनीति में सक्रिय हो गए। उन्होंने साफ कहा कि वे मोकामा से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। यह ऐलान जदयू के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है क्योंकि पार्टी के भीतर से ही विरोधी सुर तेज हो चुके हैं। मोकामा की जनता से सीधा संवाद करना और ललन सिंह जैसे बड़े नेता का उनके साथ होना चुनावी समीकरण को बदल सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या JDU उन्हें टिकट देने की हिम्मत दिखाती है या अंदरूनी विरोध भारी पड़ता है।

ललन सिंह, जिन्हें राजीव रंजन सिंह के नाम से भी जाना जाता है, लंबे समय से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। वे JDU के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में केंद्र सरकार में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय संभाल रहे हैं। उनका सियासी सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, कभी नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करने वाले ललन सिंह बाद में फिर से उनके करीब आ गए।

मुंगेर से सांसद ललन सिंह का अनंत सिंह के साथ सड़क यात्रा करना बिहार चुनावी राजनीति में नया संकेत है। यह सिर्फ दो नेताओं की साझेदारी नहीं बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव के समीकरण का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

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