Anant Singh को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत — जेल में नहीं मिलेगी कोई विशेष सुविधा
मोकामा से जेडीयू प्रत्याशी और बाहुबली छवि वाले नेता अनंत सिंह को दुलारचंद हत्याकांड मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। शनिवार की देर रात उनकी गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया — अब किसी को भी अनंत सिंह से मुलाकात की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
जेल मैनुअल के मुताबिक, अनंत सिंह को उच्च श्रेणी बंदी की कैटेगरी में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए उन्हें जेल में किसी भी प्रकार की विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। पुलिस अब उनसे हत्या की साजिश, हथियारों की आपूर्ति और घटनास्थल की गतिविधियों से जुड़ी पूछताछ करेगी।
मोकामा में बढ़ा तनाव — दुलारचंद हत्याकांड ने बदला चुनावी माहौल

30 अक्टूबर की शाम, बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा विधानसभा क्षेत्र अचानक हिंसा की आग में झुलस गया। घोसवरी-भदौर थाना क्षेत्र में जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह और जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी के काफिलों में भिड़ंत हो गई।
इस झड़प ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें 75 वर्षीय आरजेडी नेता दुलारचंद यादव की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, मौत गोली से नहीं बल्कि सीने पर गाड़ी चढ़ने से हुई थी, जिससे उनकी पसलियां टूट गईं और फेफड़े फट गए।
घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया, जिसके बाद भारी पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।
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कड़ी सुरक्षा में रखा गया अनंत सिंह — पुलिस की सख्त पूछताछ जारी
जेल प्रशासन ने अनंत सिंह को कड़ी सुरक्षा में रखा है। उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा और उनके सेलों की निगरानी लगातार की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस उनसे यह जानकारी ले रही है कि घटना में इस्तेमाल हथियार किसका था और कहाँ से लाया गया।
साथ ही, पुलिस यह भी पता लगा रही है कि गाड़ी कौन चला रहा था और घटना के दौरान कौन-कौन मौजूद था।
इस पूछताछ से कई और नाम सामने आ सकते हैं, जिससे चुनावी हिंसा की कड़ियाँ खुलने की उम्मीद है।
प्रशासनिक सख्ती — दो थानाध्यक्ष निलंबित, 13 CAPF कंपनियां तैनात
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि मोकामा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है।
घटना के बाद प्रशासन ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
• 13 कंपनियां CAPF (केंद्रीय अर्धसैनिक बलों) की तैनात की गई हैं।
• STF की 2 यूनिट और QRT की 4 टीमें भी सक्रिय रखी गई हैं।
• भदौर और घोसवरी थानाध्यक्षों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
• साथ ही, CCTV फुटेज की जांच शुरू हो चुकी है ताकि घटनास्थल पर मौजूद सभी आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जा सके।
चुनावी रणनीति पर असर — मोकामा की जनता अब खुद लड़ेगी चुनाव
गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था —
“अब मोकामा की जनता खुद चुनाव लड़ेगी।”
उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। जेडीयू समर्थकों में बेचैनी है, वहीं विपक्ष इस मुद्दे को कानून-व्यवस्था की विफलता से जोड़कर उछाल रहा है।
मोकामा की राजनीति और बाहुबली प्रभाव
मोकामा सीट लंबे समय से बाहुबली राजनीति का गढ़ रही है। अनंत सिंह की इस सीट पर गहरी जड़ें हैं।
उनकी गिरफ्तारी से जेडीयू की चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है, जबकि विरोधी दल इस घटना को “राजनीतिक गुंडागर्दी” का उदाहरण बता रहे हैं।
इस घटना के बाद से क्षेत्र में माहौल गरम है, और प्रशासन ने एहतियातन धारा 144 भी लागू कर दी है।
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दुलारचंद हत्याकांड बना बिहार चुनाव का टर्निंग पॉइंट
दुलारचंद हत्याकांड अब बिहार चुनाव 2025 का सबसे चर्चित मामला बन चुका है।
जहां एक ओर प्रशासन कानून के राज की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे बिहार की “बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था” बता रहा है।
फिलहाल, अनंत सिंह की 14 दिन की न्यायिक हिरासत इस पूरे प्रकरण का टर्निंग पॉइंट बन सकती है, क्योंकि इस दौरान कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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