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पटनाः बिहार के आईजीआईएमएस (IGIMS) अब शोध कार्य के लिए जानवरों को पैदा करेगा। इसके लिए संस्थान के केन्द्रीय पशु आवास विभाग को जानवरों के प्रजनन कराने की मंजूरी मिली है। भारत सरकार के जानवरों पर प्रयोग के लिए बनी नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण समिति द्वारा यह मंजूरी मंगलवार को मिली। इसके तहत एनिमल लैब में पांच प्रकार के जानवरों का प्रजनन कराया जाएगा, जिसमें चूहा, माइस, खरगोश, गिनी पिग और हैम्सटर शामिल हैं। बाद दें कि आईजीआईएमएस बिहार का पहला मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान बन गया, जिसके पास भारत सरकार से प्रायोगिक जानवरों की प्रजनन कराने की अनुमति मिली है।

संस्थान के निदेशक डॉ. बिन्दे कुमार ने पत्रकारों को बताया कि प्रायोगिक पशुओं का प्रजनन सुविधा की शुरुआत होना शिक्षण एवं अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल है। स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षण एवं अनुसंधान कार्य के लिए आईजीआईएमएस सहित बिहार के अन्य सभी संस्थान प्रायोगिक पशुओं की खरीद दूसरे राज्यों से करते हैं, लेकिन अब संस्थान में सुविधा बहाल होने से राज्य भर के सभी मेडिकल संस्थानों और शोधकर्ताओं को कम कीमत और समय पर जानवर मिल जाएंगे। इससे निश्चित ही बिहार में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।

आईजीआईएमएस के डॉ. मनोज कुमार और डॉ. ललित मोहन ने बताया कि किसी भी दवा का मानव पर क्या असर होगा इसका परीक्षण पहले जानवरों पर होता है। किसी भी दवाई की खोज करने पर संस्थान में शरीर के किस अंग पर क्या असर होता है, इसका शोध इन जानवरों के अंगों पर होगा। इसके बाद उसकी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दी जाती है। इसके बाद फिर दवाओं के उत्पादन और बिक्री की मंजूरी दी जाती है। संकायाध्यक्ष (H.O.D) डॉ. प्रो. ओम कुमार ने बताया कि इस तरह की सुविधा मिलने से अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। इससे सभी शोधकर्ताओं को जानवर समय पर प्राप्त हो सकेगा।

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