भोजपुर जिले के आरा शहरी क्षेत्र स्थित प्रमुख आउटफाल नालों के गंदे पानी को जैविक उपचार पद्धति से प्रदुषण मुक्त करने के कार्य को लेकर गतिविधियां तेज हो गई है,नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देश पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत आरा शहर के प्रमुख आउटफाल नालों के गंदे पानी को जैविक उपचार पद्धति से प्रदुषण मुक्त किया जा रहा है.आरा नगर निगम क्षेत्र में फिलहाल चार प्रमुख नालो को जैविक उपचार विधि से ट्रीटमेंट किया जा रहा है.आरा के गांगी नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सबसे पहले इन चार नालों पर काम चल रहा है.ये चारों आउटफाल नाले गांगी नदी में गिरते हैं.अगर इन नालों को जैविक उपचार विधि से प्रदुषण मुक्त करने में सफलता मिली तो शहर के अन्य सभी नालों को भी इस ट्रीटमेंट तकनिकी से प्रदुषण मुक्त कर पानी को गांगी नदी में गिराया जायेगा.
जैविक उपचार के लिए तीन विधियों का प्रयोग
आरा नगर निगम के सफाई पदाधिकारी दिव्य विकास सिंह ने बताया कि नाले के गंदे पानी के जैविक उपचार के लिए तीन पद्धतियाँ अपनाई गई हैं.मुख्य नाले के गांगी नदी में गिरने के कुछ दूर पहले ही लोहे की जाली लगाईं गई है.इस जाली के सहारे पहले स्टेज में नाले में बहने वाले पौलिथिन और कचरे को नदी में गिरने से पूर्व ही रोक लिया जा रहा है.जाली से कुछ दूर आगे वी नौच लगाया गया है जो वी अकार का है.
दुसरे स्टेज की इस पद्धति से नाले के पानी के प्रवाह को कम किया जा रहा है.वी नौच में पानी की मात्रा का पता लगाने के लिए निशान भी लगाया गया है.यहाँ से नाले का पानी छन कर गांगी नदी में गिरता है.इससे एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के तहत नमामि गंगे कार्यक्रम को सफलता पूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है.
अब जैविक विधि से उपचार करते हुए नदी में नाले के पानी के जाने से पूर्व पानी के उपचार की प्रक्रिया अपनाई जा रही है और इसके लिए पानी में बैक्टेरिया डाला जा रहा है.इसके लिए पानी की टंकी लगाईं गई है.टंकी के माध्यम से नदी में बैक्टेरिया डाला जाता है.यह बैक्टेरिया पानी के ऑर्गेनिक कचरे को तोड़ देता है और पानी में शामिल कार्बनिक पदार्थ के जहरीलेपन को खत्म कर देता है. आरा नगर निगम क्षेत्र के जिन चार आउटफाल नालों को जैविक उपचार विधि से प्रदुषण मुक्त किया जा रहा है उनमें संत हास्पिटल के समीप का नाला,सपना सिनेमा मोड़,बिन्दटोली उजियारपुर टोला और अबरपुल नाला प्रमुख रूप से शामिल हैं.