आरा: कैमूर पुलिस ने फर्जी उत्पाद दारोगा बनकर लोगों से पैसा वसूलने वाले उत्तर प्रदेश के एक गिरोह को दबोच लिया है.पुलिस ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर दिया है. इस गिरोह के मास्टरमाइंड त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान के साथ दो अन्य लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार गिरोह का सरगना त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान यूपी के वाराणसी जिले के रामनगर में गोलाघाटा का रहने वाला है.
उसके साथ मिर्जापुर के संदीप कुमार, वाराणसी के संजय सहनी को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोपी खुद को उत्पाद पुलिसकर्मी बताकर लोगों को गाड़ी में बैठा देते थे.फिर हथकड़ी लगाकर पिस्टल दिखाते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी देते थे.बाद में शराब या अन्य मादक पदार्थ की तस्करी के केसमें फंसा कर जेल भेजनें की धमकी देकर उनसे पैसे की वसूली करते थे. कैमूर पुलिस ने इनके कब्जे से एक कार, चार मोबाइल फोन, रस्सी लगी हथकड़ी, नकली बाल, पिस्टल रखने का हौलस्टर, पुलिस वर्दी का बेल्ट, 22 हजार रुपये नकद बरामद किया है. सभी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.
पुलिस ने सभी आरोपियों का मेडिकल जांच कराने के बाद कोर्ट में प्रस्तुत किया जहां से तीनो को जेल भेज दिया गया है. कैमूर के पुलिस उपाधीक्षक शिवशंकर कुमार ने बताया कि इस गिरोह के सरगना संजय चौहान ने फर्जी दारोगा बनकर लोगों से पैसा वसूलने की बात स्वीकार की है. इस गिरोह के सदस्यों ने मंगलवार की शाम चैनपुर थाना क्षेत्र के हाटा शहर से मदुरना गांव निवासी मोती राम के पुत्र प्रकाश राम को अपने कब्जे में लेकर कार में बैठा लिया. गाड़ी में बैठाते ही उसके हाथ में हथकड़ी पहना दी गई. फिर उसे गिरोह के लोग अज्ञात स्थान की ओर ले जाने लगे.
एसडीपीओ शिवशंकर कुमार ने बताया कि गाड़ी में बैठाने के बाद फर्जी उत्पाद दारोगा एवं उसके गिरोह के सदस्यों ने पीड़ित प्रकाश को जान से मारने की धमकी देते हुए पैसों की मांग की.
गिरोह के सदस्यों ने पिस्टल दिखाते हुए कहा कि तत्काल पैसा नहीं देने पर गोली मारकर कर्मनाशा नदी में फेंक देंगे. अपनी जान बचाने के लिए उसने अपने भाई को फोन कर फर्जी पुलिस टीम द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर पर 22 हजार रुपये ट्रांसफर करवाया. इस गैंग के सदस्यों ने प्रकाश की जेब में उपलब्ध 20 हजार रुपये भी छीन लिया. इस घटना की चर्चा करने पर जान से मारने की धमकी दी और उसे जीटी रोड पर ले जाकर छोड़ दिया गया. एसडीपीओ ने बताया कि इस घटना की सूचना मिलते ही चैनपुर थानाध्यक्ष एवं डीआईयू प्रभारी के नेतृत्व में संयुक्त टीम को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भेजा गया. टीम द्वारा प्राप्त मोबाइल नंबर यूपीआई ट्रांजेक्शन, तकनीकी अनुसंधान और मानवीय सूत्रों की सहायता से इस घटना में शामिल तीनों व्यक्तियों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार कर लिया गया.
इस घटना में प्रयुक्त कार एवं 22 हजार रुपये नकद भी बरामद कर लिए गए. एसडीपीओ ने बताया कि इस घटना के मास्टरमाइंड त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय के खिलाफ यूपी के चेतगंज, भुलूपुर, रामनगर, लक्शा, लंका थानों में लूट, चोरी, आर्म्स एक्ट के सात मामले दर्ज हैं. वह पहले गोलाघाट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था. उसके प्रतिनियुक्त संस्थान में चोरी की घटना के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया. इसके बाद वह गिरोह बनाकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा था. पुलिस ने उसके गिरोह के सभी नेटवर्क का पता लगा लिया है और इस गिरोह में शामिल कुछ और अपराधियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है.