पटना में ऑटो चालकों का हड़ताल का ऐलान, 2 दिन नहीं चलेंगे ऑटो और ई-रिक्शा, सरकार को अल्टीमेटम..

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बिहार ऑटो और ई-रिक्शा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने नए ट्रैफिक नियमों और परिवहन विभाग की नीतियों के खिलाफ हड़ताल करने का ऐलान कर दिया है। पटना में 8 और 9 जुलाई को ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। हड़ताल के कारण पटना में करीब 25,000 ऑटो और 15,000 ई-रिक्शा सड़कों से नदारद रहेंगे। ऑटो यूनियन के नेता ने बताया है कि प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है, जिसके कारण हड़ताल को हमलोग मजबूर हुए।

हड़ताल का मुख्य कारण परिवहन विभाग द्वारा लागू किए गए नए नियम हैं, जिनमें रूटों का रंग-कोडिंग सिस्टम, परमिट पर भारी जुर्माना और चार्जिंग प्वाइंट्स की कमी शामिल हैं। ऑटो यूनियन ने 10 सूत्री मांगें रखी हैं, जिनमें स्टैंडों पर बुनियादी सुविधाएं, ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार और ओला-उबर जैसे ऐप-बेस्ड टैक्सी के लिए समान नियम लागू करना शामिल है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन की हड़ताल के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल भी शुरू कर सकते हैं।

इस हड़ताल का असर दैनिक यात्रियों पर ज्यादा पड़ेगा। साथ ही छात्रों और रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से यात्रा करने वालों पर पड़ेगा। बंद के प्रभावी होने पर दोपहर तक सार्वजनिक परिवहन की कमी रह सकती है, जिससे लोग पैदल या निजी वाहनों पर निर्भर हो सकते हैं। ओला-उबर जैसी कैब सेवाओं पर मांग बढ़ने से किराया भी बढ़ सकता है, जिससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

हालांकि पटना जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने अभी तक हड़ताल को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, ऑटो यूनियन का कहना है कि बार-बार ज्ञापन देने और धरना-प्रदर्शन के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे 8 और 9 जुलाई को यात्रा की योजना बनाते समय वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें और ट्रैफिक अपडेट्स पर नजर रखें। हड़ताल के दौरान टाटा पार्क और गर्दनीबाग में प्रदर्शन की संभावना है, जिससे इन क्षेत्रों में जाम की स्थिति बन सकती है।

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