पटना डेस्कः बांग्लादेश के तेजी से बदलते घटनाक्रम में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के संयोजकों ने मंगलवार यानी 6 अगस्त की सुबह एक फेसबुक लाइव के जरिए मांग की कि देश में एक नई अंतरिम सरकार बनाई जाए। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाया जाए। छात्रों ने बताया कि उन्होंने यूनुस से इस बारे में बात की है और उन्होंने अपनी हामी दे दी है। छात्रों ने देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से अपील की कि वो जल्द ही अंतरिम सरकार बनवाएं। छात्रों ने यह भी कहा कि यूनुस के अलावा इस सरकार के अन्य सदस्यों के नाम जल्द बताए जाएंगे।
छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने कहा कि प्रोफेसर यूनुस देश को बचाने के लिए छात्र समुदाय के आह्वान पर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत हुए हैं। नाहिद ने कहा, “हमें अंतरिम सरकार के लिए रूपरेखा की घोषणा करने में 24 घंटे लगे। हालांकि, आपातकालीन स्थिति को देखते हुए, हम अब इसकी घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि इस सरकार के अलावा और किसी भी सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “ना सैन्य सरकार, ना सेना समर्थित सरकार और ना फासीवादियों की सरकार को स्वीकार किया जाएगा।
नाहिद ने दो अन्य समन्वयकों के साथ कहा, “हमने फैसला किया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस, जिनकी व्यापक स्वीकार्यता है, मुख्य सलाहकार होंगे।” उनकी घोषणा राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा यह कहने के कुछ घंटों बाद हुई कि संसद को जल्द से जल्द भंग करके अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। सोमवार देर रात राष्ट्र के नाम एक टेलीविज़न संबोधन में, राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की रिहाई का भी आदेश दिया, जो कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नज़रबंद हैं। नाहिद ने राष्ट्रपति से डॉ. यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया।
इस बीच शेख हसीना भारत में हैं। वो सोमवार शाम दिल्ली के करीब गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अब वो किसी अज्ञात ‘सेफ हाउस’ में हैं। मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि वो ब्रिटेन जाने की कोशिश कर रही हैं। हसीना ने ब्रिटेन से ‘एसाइलम’ यानी शरण मांगी है, लेकिन अभी तक ब्रिटेन ने उनकी अर्जी स्वीकार नहीं की है। शरण मिलने पर वो भारत छोड़ कर ब्रिटेन चली जाएंगी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत खुद इस बात से चिंतित है कि ढाका के घटनाक्रम का उस पर क्या असर पड़ेगा।
बताया जा रहा है कि भारत बांग्लादेश में फंसे अपने नागरिकों और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। खबरों की माने तो भारतीय वायु सेना को मंगलवार को ही ढाका में उच्चायोग के अधिकारियों और अन्य भारतीय नागरिकों को निकाल कर भारत लाने के लिए कहा गया है।
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