केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर 26 नवंबर को आयोजित एक दिवसीय हड़ताल का असर राजधानी के बैंक, बीएसएनएल, आयकर कार्यालय सहित अन्य केंद्र सरकार के कार्यालयों के कामकाज पर पड़ेगा। हड़ताल को सफल बनाने के लिए बुधवार को तैयारियां चलती रहीं। विभिन्न संगठनों द्वारा कई बैठकों का आयोजन भी किया गया। अपनी-अपनी मांगों के साथ कर्मचारी गुरुवार को सड़कों पर उतरेंगे। सुबह नौ बजे से ही हड़ताली कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में कार्यालयों के सामने धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी करेंगे।
हड़ताल में स्टेट बैंक और प्राइवेट बैंकों की शाखाओं को छोड़कर तमाम व्यावसायिक बैंक, ग्रामीण बैंक और कोऑपरेटिव बैंकों के ज्यादातर कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। इसे सफल बनाने के लिए कोतवाली थाना स्थित इलाहाबाद बैंक यूनियन कार्यालय में बुधवार को बैठक हुई।
संगठन के महामंत्री उत्पलकांत ने कहा कि इसके पूरे बिहार के लोग शामिल हुए और रणनीति पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बैंक हड़ताल के कारण बैंकों के मंडलीय कार्यालय और एटीएम तक प्रभावित होंगे। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डॉ. कुमार अरविन्द ने कहा कि हड़ताल के कारण बैंक शाखा के साथ-साथ क्लीयरिंग हाउस के कामकाज पर असर पड़ेगा।
बिहार प्रोविंशियल बैंक इम्पलॉय एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि हड़ताल में व्यावसायिक बैंकों के साथ-साथ ग्रामीण बैंक और कॉपरेटिव बैंक के कर्मचारी भी शामिल होंगे। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि हड़ताल में बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने, बैंकों में जमा राशि पर ब्याज बढ़ाने, कॉरपोरेट घरानों से एनपीए ऋण की वसूली, आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध, पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना आदि प्रमुख मांगें हैं। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक इम्पलॉयज एसोसिएशन के महासचिव मिथुन कुमार ने कहा कि हड़ताल के समर्थन में ग्रामीण बैंक कर्मचारी प्रधान कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे।
केंद्रीय कर्मचारी महासंघ बिहार राज्य समिति के प्रदेश अध्यक्ष सीडी सिंह ने कहा कि उनका संगठन गुरुवार को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि संगठन सदस्यों ने मनमाने ढंग से महंगाई भत्ता सहित पेंशनर लाभ को प्रधानमंत्री राहत कोष में डालने का तीव्र विरोध किया है। उनके संगठन की 17 सूत्री लंबित मांग पूरा नहीं होने के कारण कर्मियों में गहरी नाराजगी है। मांगों में नई अंशदायी पेंशन को समाप्त कर पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करना, कैडर पुनर्संरचना व कालबद्ध प्रोन्नति प्रस्ताव के रूप में पांच प्रोन्नति सुनिश्चित करना आदि प्रमुख है। संगठन के मनोज सिंह, अमिताभ रंजन, संजय कुमार सिन्हा आदि की मौजूदगी में कर्मचारी एकजुट आंदोलन में शामिल होंगे।
केंद्रीय ट्रेड यूनियन के हड़ताल में पेंशनर एसोसिएशन भी शामिल हो रहा है। एसोसिएशन के महामंत्री भोला शर्मा ने कहा कि अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में पेंशनर रेलवे स्टेशन पटना से विरोध मार्च निकालेंगे। वहीं बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले गुरुवार को गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर जिलाधिकारी के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा। संगठन के जिला संयोजक दिनेश कुमार ने कहा कि चिकित्सा व जन स्वास्थ्य कर्मचारी प्रदर्शन के बाद अपनी मांगपत्र का ज्ञापन डीएम को सौंपेंगे।