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पटनाः लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सत्ताधारी पार्टी के सहयोगी दलों के नेताओं को झुनझुना थमा दिया गया है। राज्य के हर जिले में 20 सूत्री कमेटी यानि जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन कर दिया गया है। कैबिनेट विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की. हर जिले में प्रभारी मंत्री इस समिति के अध्यक्ष होंगे. इसके साथ ही हर जिले में दो उपाध्यक्ष समेत कुल 25 सदस्य इस समिति के सदस्य होंगे।

दिलचस्प बात ये है कि जिलों के कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष पदों को राजद और जेडीयू ने आपस में बांट लिया है। हर जिले में उपाध्यक्ष पद पर दो नेताओं को बिठाया गया है, जिसमें से एक राजद तो दूसरा जेडीयू का नेता है। राजद और जेडीयू ने ज्यादतर जिलों में अपने जिलाध्यक्षों को कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का उपाध्यक्ष बनाया है। खास बात ये भी है कि सत्ता में साझीदार पार्टी कांग्रेस और वामपंथी दलों को जेडीयू-राजद ने ठेंगा दिखा दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह अपने गृह जिले अरवल में भी कांग्रेस का उपाध्यक्ष नहीं बनवा पाये। 12 विधायक वाली माले को अपने गढ़ माने जाने वाले जिलों में जगह नहीं मिली। 

बिहार सरकार के कैबिनेट विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति में भागलपुर जिले में विपीन बिहारी सिंह औऱ चंद्रशेखऱ प्रसाद यादव उपाध्यक्ष होंगे। अरवल जिले में रामकिशोर वर्मा औऱ रवींद्र सिंह उपाध्यक्ष होंगे. भोजपुर जिले में संजय कुमार सिंह और बीरवल यादव उपाध्यक्ष बनाये गये हैं. दरभंगा जिले में गोपाल मंडल और उदय शंकर यादव उपाध्यक्ष बनाये गये हैं. पूर्वी चंपारण जिले में राजद के मनोज यादव और जेडीयू की मंजू देवी को उपाध्यक्ष का पद मिला है. ये वही मनोज यादव हैं, जिन्होंने पार्टी के अति पिछडा सम्मेलन में अपने ही दल के लोगों को खुलेआम पीटा था। 

लोकसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी नेताओं को लगा बड़ा झटका, जिले में 20 सूत्री कमेटी का गठन, RJD-JDU ने कांग्रेस-वाम दलों को दिखाया ठेंगा 1

गया में अभय कुशवाहा और मो. मुर्शीद आलम, गोपालगंज में आदित्य शंकर शाही और दिलीप कुमार सिंह, जमुई में त्रिवेणी यादव और राम चरित्र मंडल, जहानाबाद में महेश ठाकुर औऱ शशिभूषण कुमार शर्मा, कैमुर में प्रमोद कुमार सिंह और अकलू राम, खगड़िया में मनोहर यादव औऱ बबलू मंडल, कटिहार में शमीम एकबाल और सुनील यादव, किशनगंज में असगर अली पीटर औऱ मोजाहिर आलम, मधेपुरा में जयकांत यादव और रमेश ऋषिदेव, मधुबनी में वीर बहादुर राय औऱ सत्येंद्र कामत, मुजफ्फरपुर में रामबाबू सिंह औऱ रमेश गुप्ता,, नालंदा में अशोक कुमार हिंमाशु और मो. मशरूर अहमद जुबैरी को कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है।

नवादा जिले में मो. सलमान रागिब और उदय कुमार यादव, रोहतास में रामचंद्र ठाकुर और अजय कुमार सिंह, सहरसा में चंद्रदेव मुखिया और मो. ताहीर, पूर्णिया में मिथलेश कुमार दास और राकेश कुमार, समस्तीपुर में रोमा भारती और मनोज कुमार गुप्ता, सारण में सुनील कुमार यादव और अल्ताफ अहमद राजू, शेखपुरा में शिवचंद्र कुमार उर्फ शिव कुमार सिंह और कुमार सत्यजीत, शिवहर में शिवचंद्र पासवान और कमलेश पांडेय, सिवान में चंद्रकेतु सिंह और नैमुद्दीन अंसारी को जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है।

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वहीं, पटना जिले में अशोक कुमार औऱ दीनानाथ सिंह यादव, सुपौल जिले में संतोष कुमार और राजेंद्र प्रसाद यादव, वैशाली जिले में वैद्यनाथ सिंह चंद्रवंशी और सुभाष चंद्र सिंह, पश्चिम चंपारण में शत्रुध्न कुशवाहा और मो. साहेब हुसैन अंसारी, सीतामढ़ी में सुनील कुमार कुशवाहा और सत्येंद्र सिंह कुशवाहा, लखीसराय में कालीचरण दास और अमरेश कुमार, बेगूसराय में रूदल राय औऱ अवधेश कुमार राय,, अररिया जिले में आशीष कुमार यादव और मनीष यादव को जिला कार्यक्रम समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है.हर जिले में प्रभारी मंत्री इस समिति के अध्यक्ष होंगे. दो उपाध्यक्षों के अलावा 23 और नेताओं को कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का सदस्य बनाया गया है।

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