Bihar Assembly 2025: बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 से 5 दिसंबर तक, शपथ ग्रहण से लेकर स्पीकर चुनाव तक पूरी तैयारी तेज

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1 से 5 दिसंबर तक बिहार विधानसभा का पहला सत्र आयोजित होगा।
Highlights
  • • बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1–5 दिसंबर तक • नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण 1 दिसंबर • 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन • 3 दिसंबर को राज्यपाल का अभिभाषण व संयुक्त सत्र • 4–5 दिसंबर को धन्यवाद प्रस्ताव और अनुदान व्यय पर चर्चा

Bihar Assembly 2025: नवगठित 18वीं विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू

बिहार की राजनीतिक गतिविधियाँ एक बार फिर तेजी पकड़ चुकी हैं, क्योंकि नवगठित 18वीं विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक आयोजित होने जा रहा है। यह सत्र राज्य की नई राजनीतिक व्यवस्था की औपचारिक शुरुआत मानी जा रही है। इस पूरे सत्र का केंद्र बिंदु नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और अनुदान व्यय से जुड़े विधायी कार्य होंगे।

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आयोजित हुई, जिसमें विधायी कार्य विभाग के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। हालाँकि मुख्य सचिव ने प्रेस वार्ता में इसका विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया, लेकिन उसके बाद जारी प्रेस रिलीज में इसकी पुष्टि की गई।

Bihar Assembly 2025: शपथ ग्रहण से होगी सत्र की शुरुआत – 1 दिसंबर

सत्र का पहला दिन पूरी तरह नवनिर्वाचित विधायकों को समर्पित होगा।
1 दिसंबर को सभी नए विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
यह न केवल औपचारिक प्रक्रिया है, बल्कि यही वह क्षण है जब नई विधानसभा की कार्यप्रणाली आधिकारिक रूप से आरंभ होती है। शपथ ग्रहण समारोह सदन की नई ऊर्जा, नए प्रतिनिधियों और नई प्राथमिकताओं को रूपरेखा देता है।

पहले दिन की कार्यवाही इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले चार दिनों की संसदीय गतिविधियाँ इसी आधार पर आगे बढ़ेंगी। इस दिन के बाद सदन पूरी तरह अपने स्वरूप में आ जाता है और आगे की वैधानिक गतिविधियाँ शुरू होती हैं।

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Bihar Assembly 2025: 2 दिसंबर को होगा विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

सत्र के दूसरे दिन यानी 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन प्रस्तावित है।
अध्यक्ष का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि सदन की कार्यवाही को सुचारू तरीके से संचालित करने का दायित्व उन्हीं के हाथों में होता है। यह चुनाव न सिर्फ संवैधानिक औपचारिकता है, बल्कि यह सरकार और विपक्ष दोनों के बीच की राजनीतिक समझ और रणनीति का भी संकेत देता है।

नए अध्यक्ष के चयन के बाद सदन की कार्यवाही पूरी गति से आगे बढ़ती है, जिससे आगामी दिनों के विधायी कार्य निर्बाध रूप से संपन्न हो सकें।

Bihar Assembly 2025: 3 दिसंबर को संयुक्त सत्र और राज्यपाल का अभिभाषण

3 दिसंबर सुबह 11:30 बजे विधानसभा का माहौल और अधिक औपचारिक होगा जब
सेंट्रल हॉल में बिहार विधानमंडल का संयुक्त सत्र आयोजित किया जाएगा।
इस सत्र में राज्यपाल अभिभाषण देंगे, जिसमें आगामी वर्ष के शासन-कार्य और सरकार की प्राथमिकताओं की रूपरेखा रखी जाएगी।

• राज्यपाल के अभिभाषण की प्रतियां सदन पटल पर रखी जाएंगी
• साथ ही अनुदान व्यय का ब्योरा भी प्रस्तुत किया जाएगा

राज्यपाल का अभिभाषण विधायिका और कार्यपालिका के बीच एक महत्वपूर्ण पुल का काम करता है। इसमें सरकार की आने वाली योजनाओं से लेकर उसके नीतिगत दृष्टिकोण तक, सभी बिंदुओं को सुव्यवस्थित तरीके से रखा जाता है।

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Bihar Assembly 2025: 4 और 5 दिसंबर को अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और जवाब

सत्र के अंतिम दो दिन यानी 4 और 5 दिसंबर पूरी तरह राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा को समर्पित रहेंगे।
इन दोनों दिनों में
• विपक्ष और सत्ता पक्ष अपनी-अपनी बातें रखेंगे
• सरकार चर्चा का जवाब देगी
• इसके बाद अनुदान व्यय विवरणी पर मतदान होगा
• और संबंधित विधेयक भी सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे

यह प्रक्रिया विधायी व्यवस्थान का अनिवार्य हिस्सा है, जो पूरे सत्र को पूर्णता प्रदान करता है।

Bihar Assembly 2025: विधानसभा सत्र की तैयारियाँ तेज

विधायी कार्य विभाग ने सत्र से संबंधित व्यवस्थाओं को तेजी से अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि यह नई सरकार का पहला औपचारिक विधानसभा सत्र होगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णयों और प्रक्रियाओं को पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाना है।

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