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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 संपन्न हो गया है। तीसरे और आखिरी चरण का मतदान समाप्त होने के साथ सुरक्षाबलों की वापसी के आदेश भी दे दिए गए हैं। रविवार से यह सिलसिला शुरू हो जाएगा। शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए अर्द्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस की 1200 कंपनियां बिहार को मिली थीं। इनमें से 1122 कंपनियों की वापसी तुरंत हो रही है। स्पेशल ट्रेन और सड़क मार्ग से इनकी वापसी को लेकर तैयारी कर ली गई है।
सुरक्षाबलों की 78 कंपनी अभी बिहार में रहेगी। इनमें सीआईएसएफ की 19 कंपनियां स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में तैनात हैं। मतगणना सम्पन्न होने के बाद इनकी वापसी होगी। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में तैनात ये फोर्स 10 नवम्बर के बाद लौटेगी। इसके अलावा अर्द्धसैनिक बलों की 59 कंपनी भी बिहार में 10 तारीख तक प्रतिनियुक्त रहेगी। इन्हें मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने तक विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए रोका गया है। इनमें बीएसएफ की 21, सीआरपीएफ की 19, एसएसबी की 16 और आईटीबीपी की 3 कंपनियां शामिल हैं।

बिहार में चुनाव के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को प्रतिनियुक्ति की गई थी। राज्य में चुनाव के लिए 1200 कंपनी मिली है, जिसमें पिछले विधानसभा चुनाव में 726 कंपनियां बिहार आई थी। इसके मुकाबले 2020 के विधानसभा चुनाव में 474 अतिरिक्त कंपनियां मिलीं। यह पहला मौका है जब बिहार में विस या लोस चुनाव के लिए 1000 कंपनी से ज्यादा फोर्स मिली हो।
विधानसभा चुनाव के लिए मिली 1200 कंपनी फोर्स में 6 अलग-अलग अर्द्धसैनिक बल के अलावा 14 राज्यों की पुलिस फोर्स शामिल थी। इनमें 1012 कंपनी अर्द्धसैनिक बलों की थी। सबसे अधिक बीएसएफ की 307 सीआरपीएफ की 246, एसएसबी की 174, सीआईएसएफ की 160, आईटीबीपी की 75 और आरपीएफ की 50 कंपनी बिहार को मिली। इसके अलावा राज्यों की 188 कंपनियों को गृह मंत्रालय ने बिहार भेजा था। इनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की फोर्स शामिल थीं।

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