बिहार विधानसभा चुनाव 2025: अक्टूबर में बजेगा चुनावी बिगुल, कितने चरणों में होगा मतदान?

बिहार चुनाव 2025 – लोकतंत्र का महापर्व, हर वोट में जनता की ताकत।

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Highlights
  • • सितंबर के अंतिम सप्ताह में मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पटना दौरा। • 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी। • पहली बार ईवीएम पर रंगीन तस्वीर और चुनाव चिह्न एक साथ। • इस बार चुनाव 2 से 4 चरणों में हो सकता है। • त्योहारों के सीजन (दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ) के बीच चुनाव कराने की चुनौती। • पिछले 20 वर्षों में बिहार चुनाव 2 से 6 चरणों में संपन्न हुए हैं।

बिहार की सियासत एक बार फिर गर्माने लगी है। विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं और अब चुनाव आयोग की सक्रियता ने इस हलचल को और तेज़ कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार सितंबर के अंतिम सप्ताह में पटना का दौरा करने वाले हैं। यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी और इसके बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

आयोग की तैयारी तेज

चुनाव आयोग बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेगा। बैठक में मतदाता सूची के प्रबंधन से लेकर मतदान की नई व्यवस्थाओं तक सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी। इस बार आयोग ने खास पहल करते हुए घोषणा की है कि ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें और चुनाव चिह्न दोनों होंगे, जिससे मतदाताओं को आसानी होगी।

कितने चरणों में होंगे चुनाव?

वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय के अनुसार, पिछले चुनावी अनुभवों को देखते हुए संभावना है कि इस बार भी बिहार में तीन से चार चरणों में मतदान करवाया जाएगा।

• 2020 में चुनाव तीन चरणों में हुआ था।

• 2015 में पांच चरणों में।

• 2010 में तो पूरा चुनाव छह चरणों में संपन्न हुआ।

• 2005 में दो बार चुनाव हुए – फरवरी और अक्टूबर, दोनों बार तीन चरणों में मतदान हुआ।

इस बार भी संभावना जताई जा रही है कि आयोग सुरक्षा और त्योहारों के मद्देनज़र दो या तीन फेज में चुनाव करवा सकता है।

चुनाव और त्योहारों का टकराव

बिहार का चुनाव हमेशा अक्टूबर-नवंबर में होता आया है। यह समय दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों का होता है। ऐसे में चुनाव आयोग और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है कि त्योहारों और चुनाव दोनों को शांतिपूर्ण और सुचारु तरीके से संपन्न कराया जाए।

सुनील पांडेय का मानना है कि आयोग ने इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए पहले से ही अपनी रणनीति बना ली है।

पिछले चुनावों की झलक

2020: 3 चरण (28 अक्टूबर, 3 नवंबर, 7 नवंबर), नतीजे 10 नवंबर को।

2015: 5 चरण (12 अक्टूबर से 5 नवंबर तक), नतीजे 8 नवंबर।

2010: 6 चरण (21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक), नतीजे 24 नवंबर।

2005 (फरवरी): 3 चरण, नतीजे 4 मार्च।

2005 (अक्टूबर): 3 चरण, नतीजे 22 नवंबर।

बिहार की जनता अब चुनावी बिगुल का इंतजार कर रही है। आयोग की तैयारियों और राजनीतिक दलों की रणनीतियों के बीच साफ है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

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