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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों के लिए गुरुवार से नामांकन शुरू होगा. उधर, राज्य के दो बड़े गठबंधनों में सीट बंटवारे की गुत्थी बुधवार देर शाम तक नहीं सुलझी. रात तक तक सीट बंटवारे पर बैठकों का दौर जारी रहा. इस बीच महागठबंधन को माले ने झटका दिया और 30 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि अगर गठबंधन नहीं हुआ तो वह जल्द दूसरी सूची जारी कर देगी. एनडीए में जहां लोजपा को लेकर पेच फंसा हुआ है, वहीं, महागठबंधन में कांग्रेस व राजद के बीच सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला भी तय नहीं हो पाया है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के प्रथम चरण के चुनाव की गुरुवार अधिसूचना जारी होगी. साथ ही नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी. उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन पत्र दाखिल करने का भी विकल्प है. साथ ही पुराने तरीके से निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष भी नामांकन कर सकेंगे. इसके लिए जमानत की राशि भी ऑनलाइन दाखिल की जा सकेगी। नामांकन पत्र दाखिल करते समय सिर्फ दो व्यक्ति ही उपस्थिति रहेंगे.

बता दें कि इस बार विधानसभा का चुनाव तीन चरणों में होना है. पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को होगी. दूसरे चरण की वोटिंग 3 नवंबर को होनी है और अंतिम यानी तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा. इन वोटों की गिनती 10 नवंबर को की जाएगी. कोरोना काल में पहली बार चुनाव होने जा रहा है.

इस संबंध में चुनाव आयोग की टीम ने पटना आकर जायजा भी ले चुकी है. साथ ही सभी मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों से सुझाव भी मांगे. खुद मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पटना ने जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी, कांग्रेस और रालोसपा के बड़े नेताओं के साथ इस संबंध में बातचीत भी की. ताकि इस महामारी के दौर में शांतिपूर्ण चुनाव हो सके.

बिहार विधानसभा चुनाव:मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ हुई बैठक में जेडीयू से ललन सिंह और अशोक चौधरी ने आयोग को कई सुझाव दिए. इसके अलावा आरजेडी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोझ झा ने भी निर्वाचन आयुक्त से अपील की. वहीं रालोसपा और आरजेडी के नेताओं ने भी अपना-अपना कीमती सुझाव दिया.

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