Bihar Assembly Session 2025 में अचानक गरमाया सदन
Bihar Assembly Session 2025 के चौथे दिन की कार्यवाही उस वक्त अचानक गरमा गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र के बीच सदन के भीतर तीखी नोकझोंक हो गई। यह टकराव उस समय शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव समाप्त कर उसे सर्वसम्मति से पारित कराने की अपील कर रहे थे। सत्ता पक्ष के विधायक तालियाँ बजाकर समर्थन दे रहे थे, लेकिन विपक्ष की बेंच पर बैठे सदस्य शांत बने रहे।
- Bihar Assembly Session 2025 में अचानक गरमाया सदन
- नीतीश का सीधा वार — “आप गड़बड़ किए तब हटे”
- Bihar Assembly Session 2025 में ‘नए बिहार मॉडल’ का विस्तृत प्रस्तुतीकरण
- शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव
- स्वास्थ्य व्यवस्था में भरोसे की वापसी
- सामाजिक सद्भाव और सुरक्षा पर विशेष जोर
- सड़क, कनेक्टिविटी और रोजगार
- सदन की नोंकझोंक का सियासी संदेश
इस सन्नाटे पर नीतीश कुमार का स्वर अचानक ऊँचा हो गया। उन्होंने कहा,
“आप लोग काहे नहीं कर रहे हैं? ये सब लोग कर रहे हैं… अरे भाई, सबके लिए फायदा है!”
इस टिप्पणी से राजद विधायक भाई वीरेंद्र असहज हो गए और बीच में कुछ बोल दिया। इसके बाद सदन का माहौल पूरी तरह बदल गया।
नीतीश का सीधा वार — “आप गड़बड़ किए तब हटे”
भाई वीरेंद्र की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे जवाब देते हुए कहा,
“आपको भी तो दो बार रखते थे… कितना काम किए थे! आप तो सब बातवा मेरा मान लेते थे। बाद में गड़बड़ किए तब छोड़ दिए। अब तो कभी नहीं जाएंगे, मेरा पहले का है, वहीं रहेंगे!”
इतना ही नहीं, सीएम ने आगे कहा,
“हमने आपके लिए क्या-क्या नहीं किया है! जो काम हुआ है, याद रखिए। हाथ उठाकर बताइए, सब समर्थन कर रहे हैं ना?”
इस बयान के बाद सत्ता पक्ष की सीटों पर ज़ोरदार तालियाँ गूंजी, जबकि विपक्ष के सदस्य अपनी सीटों पर आक्रोश में दिखे। कुछ क्षणों के लिए सदन का अनुशासित माहौल सियासी गर्मी में बदल गया।
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Bihar Assembly Session 2025 में ‘नए बिहार मॉडल’ का विस्तृत प्रस्तुतीकरण
इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने एजेंडे से पीछे नहीं हटे। उन्होंने सदन में बिहार के विकास, सुधार और सामाजिक सद्भाव का विस्तार से लेखा-जोखा पेश किया।
नीतीश ने कहा कि बिहार अब पिछड़ेपन की छवि से बाहर निकलकर सिस्टम, भरोसा और स्थिरता के मॉडल की ओर बढ़ चुका है।
शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अब 5 लाख 20 हज़ार से अधिक सरकारी शिक्षक कार्यरत हैं, जो शिक्षा विस्तार की बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि:
• बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से 2 लाख 58 हज़ार शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है।
• नियोजित शिक्षकों को स्थायित्व देने के लिए बड़ी नीति बनाई गई है।
• बीपीएससी की मुख्य परीक्षा की बाध्यता हटाकर सरल प्रक्रिया लागू की गई है।
• अब तक 62 हज़ार शिक्षक सफल हो चुके हैं, जबकि 77 हज़ार उम्मीदवार अभी प्रक्रिया में हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था में भरोसे की वापसी
नीतीश कुमार ने बताया कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में महीने में औसतन सिर्फ 29 मरीज आते थे।
लेकिन 2006 में मुफ़्त दवा और मुफ़्त इलाज की व्यवस्था लागू होने के बाद तस्वीर पूरी तरह बदल गई।
अब हर दिन औसतन 11,600 मरीज पीएचसी में इलाज करा रहे हैं, जो सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में जनता के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है।
सामाजिक सद्भाव और सुरक्षा पर विशेष जोर
नीतीश ने कहा कि पहले राज्य में धार्मिक तनाव आम बात थी। इसे समाप्त करने के लिए:
• 2006 से कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई गई
• कई जगहों पर मंदिरों की घेराबंदी भी हुई
• इससे चोरी, विवाद और सांप्रदायिक टकराव में भारी कमी आई
“अब कोई डर का माहौल नहीं, कोई झगड़ा-झंझट नहीं,” यह बात उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कही।
सड़क, कनेक्टिविटी और रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के किसी भी हिस्से से 6 घंटे में पटना पहुँचना संभव हो चुका है।
साथ ही बीपीएससी के माध्यम से पारदर्शी सरकारी भर्तियाँ लगातार हो रही हैं, जिससे युवाओं में विश्वास बढ़ा है।
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सदन की नोंकझोंक का सियासी संदेश
नीतीश और भाई वीरेंद्र के बीच हुई यह नोकझोंक सिर्फ व्यक्तिगत बहस नहीं रही, बल्कि इसने यह भी साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री अब हर आलोचना का सीधा और मुखर जवाब देने की रणनीति पर चल चुके हैं।
इस घटनाक्रम ने Bihar Assembly Session 2025 को सिर्फ विधायी नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम बना दिया है।
निष्कर्ष
Bihar Assembly Session 2025 का यह दिन बिहार की राजनीति में यादगार बन गया। एक तरफ सत्ता और विपक्ष की तीखी बहस ने सदन का तापमान बढ़ाया, तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार और सामाजिक सौहार्द पर अपने काम का ठोस रिपोर्ट-कार्ड भी पेश कर दिया।
यह साफ है कि आने वाले दिनों में विधानसभा की बहसें और ज्यादा तीखी होने वाली हैं।
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