बिहार में नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें सहयोगी दलों को प्रतिनिधित्व मिला। लेकिन इस मंत्रिमंडल की सबसे दिलचस्प और चर्चा में रहने वाली बात यह है कि सिर्फ एक मंत्री होने के बावजूद उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो (RLM) ने विभागों के बजट के मामले में लोजपा (चिराग पासवान) और हम (जीतन राम मांझी) को काफी पीछे छोड़ दिया है।
- Bihar Cabinet: पहली बार गृह विभाग BJP को — 26 मंत्रियों ने ली शपथ
- सबसे कम विधायक वाली RLM को सबसे बड़ा बजट वाला विभाग कैसे मिला?
- LJP और HAM को मिले विभागों का बजट बेहद कम
- LJP के मंत्रियों के विभाग• गन्ना उद्योग विभाग — 192.23 करोड़• लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग — 2702.63 करोड़
- HAM के मंत्री संतोष सुमन का विभाग• लघु जल संसाधन विभाग — 1839.11 करोड़
- दीपक प्रकाश का पंचायती राज विभाग — सबसे बड़ी जिम्मेदारी
- BJP के पास मंत्रालय ज्यादा, लेकिन बजट JDU से कम
- कुशवाहा की RLM बनी ‘बड़ी खिलाड़ी’ — चिराग और मांझी दोनों पीछे
जहाँ लोजपा और हम को बहुत कम बजट वाले विभाग मिले, वहीं RLM के मंत्री दीपक प्रकाश को ऐसा विभाग मिला है जिसका बजट अन्य सहयोगी दलों की तुलना में कई गुना अधिक है। इससे राजनीतिक संदेश भी साफ है कि मंत्रिमंडल में संख्या कम होने के बावजूद RLM को विभागों के बंटवारे में बड़ी हिस्सेदारी मिली है।
Bihar Cabinet: पहली बार गृह विभाग BJP को — 26 मंत्रियों ने ली शपथ
बिहार कैबिनेट में इस बार कई अहम बदलाव किए गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार गृह विभाग बीजेपी को सौंप दिया है।
• कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली
• BJP से 14 मंत्री
• JDU से उसके बाद सबसे ज्यादा मंत्री
• LJP से 2 मंत्री
• HAM से 1 मंत्री
• RLM से 1 मंत्री (दीपक प्रकाश)
दो उपमुख्यमंत्री — सम्राट चौधरी (गृह मंत्री) और विजय कुमार सिन्हा — ने भी पदभार संभाला है।
कैबिनेट में बीजेपी और जदयू के पास सबसे ज्यादा मंत्रालय हैं, लेकिन विभागों के बजट में एक बड़ा अंतर सामने आया है।
सबसे कम विधायक वाली RLM को सबसे बड़ा बजट वाला विभाग कैसे मिला?
भले ही उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM के पास सबसे कम विधायक हैं, लेकिन विभागों के लिए आवंटित बजट में उनकी पकड़ बेहद मजबूत उभरकर सामने आई है।
मंत्री बने दीपक प्रकाश को पंचायती राज विभाग मिला है, जो बजट के हिसाब से सहयोगी दलों के बीच सबसे बड़ा विभाग है।
• पंचायती राज विभाग का बजट: 11,302.52 करोड़ रुपये
इसके मुकाबले:
• LJP के दोनों मंत्रियों के विभागों का बजट बहुत कम है
• HAM को मिला विभाग भी बजट के मामले में काफी पीछे है
इससे यह संदेश गया कि सहयोगी दल होने के बावजूद RLM को रणनीतिक रूप से मजबूत और उच्च बजट वाला विभाग दिया गया।
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LJP और HAM को मिले विभागों का बजट बेहद कम
लोजपा और हम लंबे समय से एनडीए के हिस्से रहे हैं, लेकिन बजट आवंटन के मामले में उनकी स्थिति काफी कमजोर दिखी है।
LJP के मंत्रियों के विभाग
• गन्ना उद्योग विभाग — 192.23 करोड़
• लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग — 2702.63 करोड़
इन दोनों विभागों का कुल बजट RLM के अकेले विभाग से बहुत कम है।
HAM के मंत्री संतोष सुमन का विभाग
• लघु जल संसाधन विभाग — 1839.11 करोड़
HAM का विभाग भी RLM के पंचायती राज विभाग की तुलना में बजट में पीछे है।
कुल मिलाकर, RLM का बजट इन विभागों से लगभग 6 गुना और साढ़े तीन गुना अधिक है।
दीपक प्रकाश का पंचायती राज विभाग — सबसे बड़ी जिम्मेदारी

दीपक प्रकाश को मिला पंचायती राज विभाग बिहार के ग्रामीण ढांचे और विकास की नींव से जुड़ा महत्वपूर्ण विभाग है।
इसका बजट 11,302.52 करोड़ रुपये होने के कारण यह अन्य सहयोगी दलों की तुलना में कहीं अधिक प्रभावशाली माना जा रहा है।
जहाँ
• HAM का विभाग 1839 करोड़
• LJP के विभाग 192 करोड़ और 2702 करोड़
वहीं RLM का एकमात्र विभाग 11 हज़ार करोड़ से ज्यादा बजट वाला है।
यह साफ दिखाता है कि संख्या कम होने के बावजूद कुशवाहा की पार्टी को मंत्रिमंडल में मजबूत जगह दी गई है।
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BJP के पास मंत्रालय ज्यादा, लेकिन बजट JDU से कम
दो उपमुख्यमंत्री और 14 मंत्रियों की बड़ी संख्या होने के बावजूद बजट के मामले में BJP पीछे रह गई है।
- BJP के हिस्से आए विभाग कुल बजट का — 29.22%
- JDU के पास कुल बजट का — लगभग 65%
इसके मुकाबले:
• LJP के पास सिर्फ 0.91% बजट
• HAM के पास केवल 0.58% बजट
• RLM के पास 3.56% बजट
यह आँकड़े साफ करते हैं कि विभागों के बंटवारे में JDU और RLM को रणनीतिक लाभ मिला है जबकि LJP और HAM बजट के मामले में सबसे नीचे हैं।
कुशवाहा की RLM बनी ‘बड़ी खिलाड़ी’ — चिराग और मांझी दोनों पीछे
राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो यह पूरा वितरण व्यवस्था साफ संकेत देती है कि:
• RLM के पास विधायक कम हैं
• मंत्री भी केवल एक
• लेकिन विभाग ऐसा मिला है जिसका बजट LJP और HAM से कई गुना अधिक है
इसलिए विभागों और बजट के मामले में RLM ने लोजपा प्रमुख चिराग पासवान और HAM प्रमुख जीतन राम मांझी — दोनों को पीछे छोड़ दिया है।
यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है कि कैबिनेट के भीतर RLM का वजन बढ़ा है।
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