Bihar Chunav 2025: तेजस्वी यादव का तीखा हमला — “एनडीए का घोषणा पत्र सिर्फ पुराने वादों का दोहराव, बिहार से माफी मांगे सरकार”

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तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव 2025 में एनडीए के घोषणा पत्र को पुराने वादों का दोहराव बताते हुए सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
Highlights
  • • बिहार चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव ने एनडीए के घोषणा पत्र पर तीखा हमला बोला। • तेजस्वी ने कहा कि एनडीए का घोषणा पत्र सिर्फ पुराने वादों का दोहराव है। • उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह “30 सेकेंड का दिखावा” है, जनता को गुमराह करने की कोशिश है। • तेजस्वी ने एनडीए से 14 करोड़ बिहारवासियों से माफी मांगने की मांग की। • उन्होंने सवाल उठाया कि 20 साल में बिहार का विकास क्यों नहीं हुआ? • एनडीए ने अपने संकल्प पत्र में 1 करोड़ नौकरियों और 7 नए एक्सप्रेसवे का वादा किया है। • घोषणा पत्र में आत्मनिर्भर बिहार, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा सुधार के दावे शामिल हैं। • तेजस्वी ने कहा कि जनता अब वादों की राजनीति को समझ चुकी है और जवाब देगी। • बिहार चुनाव 2025 में घोषणापत्र अब सियासी हमला और बचाव का मुख्य हथियार बन गया है। • तेजस्वी यादव का बयान चुनावी माहौल में विपक्षी रणनीति को नई धार देता दिख रहा है।

तेजस्वी यादव का हमला — “30 सेकेंड में जारी हुआ दिखावटी घोषणा पत्र”

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासी मुकाबला अब और गरमाता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए के चुनावी घोषणा पत्र पर करारा प्रहार करते हुए इसे “पुराने वादों का दोहराव” बताया है।
तेजस्वी ने कहा कि, “सरकार ने पिछले 20 वर्षों में जो वादे किए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ, फिर वही बातें अब नए संकल्प के नाम पर दोहराई जा रही हैं।”

तेजस्वी ने इस घोषणा पत्र को “30 सेकेंड का दिखावा” कहा और तंज कसते हुए कहा कि एनडीए ने जनता के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया।
उनका आरोप था कि यह घोषणा पत्र सिर्फ जनता को गुमराह करने और चुनाव से पहले खोखले सपने दिखाने का तरीका है।

“14 करोड़ बिहारवासियों से माफी मांगे एनडीए” — तेजस्वी यादव की कड़ी प्रतिक्रिया

Bihar Chunav 2025: तेजस्वी यादव का तीखा हमला — “एनडीए का घोषणा पत्र सिर्फ पुराने वादों का दोहराव, बिहार से माफी मांगे सरकार” 1

तेजस्वी यादव ने कहा कि एनडीए को बिहार की 14 करोड़ जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि इतने लंबे शासन के बावजूद बिहार आज भी देश का सबसे गरीब राज्य है।
उन्होंने सवाल उठाया — “जब 20 साल में बिहार का विकास नहीं हो सका, तो अब कौन-सी नई जादू की छड़ी लेकर आए हैं?”

तेजस्वी ने कहा कि एनडीए सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात करती है, लेकिन जो कॉलेज पहले से मौजूद हैं, उनमें डॉक्टर और नर्सों की भारी कमी है।
उन्होंने कहा, “सरकार को नए वादे करने से पहले पुराने वादों का हिसाब देना चाहिए। जनता अब झूठे सपनों में नहीं फंसने वाली।”

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NDA का चुनावी घोषणा पत्र — विकास, आत्मनिर्भरता और रोजगार के वादों पर आधारित

एनडीए ने अपने ‘विकसित बिहार के लिए संकल्प पत्र’ में अगले पाँच वर्षों में राज्य को आत्मनिर्भर, आधुनिक और विकसित बनाने का वादा किया है।
घोषणा पत्र में कई बड़े वादे शामिल किए गए हैं, जिनमें रोजगार, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया गया है।

NDA के प्रमुख वादे — “आत्मनिर्भर बिहार” का रोडमैप

1️⃣ 1 करोड़ से अधिक रोजगार और सरकारी नौकरियां सृजित करने का वादा किया गया है।
2️⃣ हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोले जाएंगे, जिन्हें ग्लोबल स्किलिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।
3️⃣ मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 2 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी, जबकि लखपति दीदी और कोटिपति मिशन से 1 करोड़ महिलाओं को बिजनेस से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
4️⃣ किसानों को सालाना 3000 रुपये की आर्थिक मदद और एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी दी जाएगी।
5️⃣ 1 लाख करोड़ रुपये के एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश से कृषि, मत्स्य और दुग्ध मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
6️⃣ केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा और हर जिले में स्कूलों का कायाकल्प करने का संकल्प लिया गया है।
7️⃣ हर जिले में नया मेडिकल कॉलेज और आधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोलने की योजना है।
8️⃣ 7 नए एक्सप्रेसवे, 3600 किमी रेल ट्रैक का आधुनिकीकरण, 4 शहरों में मेट्रो सेवा, और 10 इंडस्ट्रियल पार्क का निर्माण करने का वादा भी शामिल है।

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तेजस्वी यादव का पलटवार — “सिर्फ वादों की राजनीति, जनता अब समझदार है”

तेजस्वी यादव ने कहा कि एनडीए का घोषणा पत्र केवल चुनावी छलावा है। उन्होंने कहा कि जनता को अब यह समझ आ चुका है कि विकास के नाम पर सिर्फ कागज़ी घोषणाएं की जाती हैं।
तेजस्वी ने कहा कि वे बिहार को असली आत्मनिर्भर राज्य बनाना चाहते हैं, जहां युवाओं को पलायन नहीं, रोजगार मिले।

उन्होंने कहा — “जो सरकार दो दशक में वादे नहीं निभा पाई, उसे अब नए सपनों का सौदागर बनने का अधिकार नहीं है। बिहार की जनता अब जवाब देगी।”

बिहार चुनाव में घोषणापत्र बना सियासी हथियार

जैसे-जैसे बिहार चुनाव 2025 नज़दीक आ रहा है, घोषणापत्र अब राजनीतिक हमला और बचाव का नया केंद्र बन गया है।
जहां एनडीए अपने वादों के जरिए विकास का संदेश दे रही है, वहीं तेजस्वी यादव इसे “झूठ और असफलता की किताब” बता रहे हैं।
दोनों तरफ से बयानबाज़ी के बीच यह साफ है कि बिहार में अब चुनाव सिर्फ चेहरों का नहीं, विश्वसनीयता का मुकाबला बन चुका है।

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