Bihar Chunav 2025: तेजस्वी यादव का बड़ा एलान – ताड़ी पर शराबबंदी से मिलेगी छूट, महागठबंधन का ‘तेजस्वी प्रण’ वादों से भरा घोषणा पत्र जारी

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बिहार चुनाव 2025 के दौरान सारण के परसा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव, जहां उन्होंने ताड़ी को शराबबंदी कानून से छूट देने का वादा किया।
Highlights
  • • नीतीश सरकार की पूर्ण शराबबंदी पर तेजस्वी यादव का बड़ा बयान। • महागठबंधन की सरकार बनी तो ताड़ी को शराबबंदी कानून से छूट। • ‘तेजस्वी प्रण’ नाम से जारी घोषणा पत्र में सवा करोड़ रोजगार का वादा। • ग्रेजुएट को ₹2000 और पोस्ट ग्रेजुएट को ₹3000 मासिक भत्ता। • जीविका दीदियों को पक्की नौकरी और ₹30,000 वेतन का वादा। • वृद्धों, विधवाओं को ₹1500 और दिव्यांगजनों को ₹3000 मासिक पेंशन। • हर परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा।

नीतीश सरकार की शराबबंदी पर फिर छिड़ी बहस

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने वर्षों पहले पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया था। यह कानून शुरुआत से ही राज्य की राजनीति और समाज में चर्चा का केंद्र बना रहा है।
नीतीश के इस फैसले पर लोग दो हिस्सों में बंटे हैं —
एक पक्ष इसे सामाजिक सुधार की दिशा में साहसिक कदम मानता है, तो दूसरा पक्ष कहता है कि इससे राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ और अवैध शराब कारोबार को बढ़ावा मिला।
राज्य के कई जिलों से अवैध शराब बिक्री की खबरें लगातार आती रहती हैं, जिससे यह नीति लगातार सवालों के घेरे में रही है।
इसी मुद्दे पर अब तेजस्वी यादव ने अपनी स्पष्ट और मजबूत राय रखी है।

तेजस्वी यादव का बड़ा बयान – ताड़ी को शराबबंदी से मिलेगी छूट

तेजस्वी यादव बिहार चुनाव 2025 रैली में ताड़ी पर शराबबंदी से छूट का एलान करते हुए
बिहार चुनाव 2025 के दौरान सारण के परसा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव, जहां उन्होंने ताड़ी को शराबबंदी कानून से छूट देने का वादा किया।

परसा की चुनावी रैली से तेजस्वी का संदेश

बिहार चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच, महागठबंधन के नेता और RJD प्रमुख तेजस्वी यादव ने सारण जिले के परसा में आयोजित एक विशाल रैली में ताड़ी को लेकर बड़ा एलान किया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो ताड़ी को शराबबंदी कानून से छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि ताड़ी पर रोक हटाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा और इससे जुड़े हजारों परिवारों की आजीविका सुरक्षित होगी।

इससे पहले मांझी विधानसभा में हुए सम्मेलन में तेजस्वी ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार और 5 डिसमिल जमीन दी जाएगी।
यह बयान ग्रामीण बिहार में एक भावनात्मक और आर्थिक संदेश बन गया है।

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महागठबंधन ने जारी किया घोषणा पत्र – ‘तेजस्वी प्रण’

जनता के लिए संकल्प पत्र, सिर्फ वादा नहीं

महागठबंधन ने 28 अक्टूबर को अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसे उन्होंने ‘तेजस्वी प्रण’ नाम दिया है।
तेजस्वी ने इसे सिर्फ एक राजनीतिक दस्तावेज नहीं बल्कि जनता से किया गया संकल्प बताया।
घोषणा पत्र में युवाओं, महिलाओं और श्रमिक वर्ग से जुड़े कई बड़े वादे शामिल किए गए हैं, जिनसे बिहार के सामाजिक ढांचे में व्यापक बदलाव का दावा किया गया है।

मुख्य वादे इस प्रकार हैं –
• सवा करोड़ से अधिक रोजगार सृजन करने का वादा।
• ग्रेजुएट युवाओं को ₹2000 और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को ₹3000 प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता।
• परीक्षा फॉर्म शुल्क समाप्त करने की घोषणा।
• सरकारी संस्थानों में इंटर्नशिप हेतु न्यूनतम स्टाइपेंड सुनिश्चित करने की बात कही गई।

महागठबंधन का दावा है कि ये योजनाएं बिहार के युवाओं को आर्थिक स्वावलंबन और सम्मानजनक अवसर प्रदान करेंगी।

जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी और ₹30,000 वेतन का वादा

महिलाओं के सम्मान और स्थायित्व की गारंटी

घोषणा पत्र में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना जीविका दीदियों से जुड़ा वादा।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी जीविका दीदियों को स्थायी किया जाएगा और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा।
साथ ही, उनका वेतन ₹30,000 प्रतिमाह करने का भी वादा किया गया है।

महागठबंधन ने कहा कि जीविका दीदियां ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं, इसलिए उन्हें स्थायित्व और सम्मान मिलना जरूरी है।
साथ ही, सभी संविदा कर्मियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी स्थायी करने का वादा किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा और राहत योजनाओं की झड़ी

पेंशन, बिजली और राहत का भरोसा

घोषणा पत्र में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं पर भी विशेष जोर दिया गया है।
मुख्य घोषणाएं निम्नलिखित हैं –
• वृद्ध और विधवा महिलाओं को ₹1500 मासिक पेंशन, हर साल ₹200 की बढ़ोतरी के साथ।
• दिव्यांगजनों को ₹3000 मासिक पेंशन।
• हर परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा।

इन वादों का उद्देश्य है गरीब और निम्न वर्ग के परिवारों को आर्थिक राहत देना और जीवन स्तर को बेहतर बनाना।

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बिहार की राजनीति में नया चुनावी विमर्श

‘तेजस्वी प्रण’ बना उम्मीद का दस्तावेज

तेजस्वी यादव का घोषणा पत्र सिर्फ वादों का पुलिंदा नहीं बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है।
ताड़ी पर छूट का फैसला जहां ग्रामीण और पिछड़े वर्ग को जोड़ने की कोशिश है, वहीं रोजगार और पेंशन योजनाएं युवाओं और बुजुर्गों को सीधे प्रभावित करती हैं।
महागठबंधन का यह प्रयास है कि वह जनता के बीच एक संवेदनशील, जनहितकारी और व्यावहारिक छवि पेश कर सके।

‘तेजस्वी प्रण’ से बदलेगी बिहार की दिशा या नहीं?

जैसे-जैसे बिहार चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं, तेजस्वी यादव के ये वादे राज्य की सियासत में नई ऊर्जा और उम्मीद भर रहे हैं।
‘तेजस्वी प्रण’ के माध्यम से उन्होंने रोजगार, आजीविका, महिलाओं और युवाओं को जोड़ने की कोशिश की है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस भावनात्मक और आर्थिक घोषणाओं को कितना स्वीकारती है।
एक बात तो तय है — इस बार का चुनाव केवल सत्ता का नहीं, बल्कि विश्वास और बदलाव की राजनीति का होगा।

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