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Desk: बिहार के वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया नए आर्थिक सर्वेक्षण (Economic survey) में बिहार की अर्थव्यवस्था की विषमता निकल कर सामने आई है. बिहार के सभी 38 जिलों की रैंकिंग में कुछ जिलों के लोगो की प्रति व्यक्ति आय जहां 1 लाख से ऊपर है, वहीं कुछ जिलों के लोगों की आय हजार में सीमित है. 2019-20 के आर्थिक सर्वेक्षण में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 31287 रुपए है. इस सर्वेक्षण में पटना (Patna) सबसे अमीर जिला घोषित हुआ है, जहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 112604 रुपए है.

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, अमीर जिलों में पटना के बाद बेगूसराय दूसरे नंबर पर है जहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 54440 रु है. शिवहर जिला सबसे गरीब जिले में शामिल हुआ है, जहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 17569 रु ही है. शिवहर के साथ अररिया और किशनगंज भी सबसे पिछड़े और गरीब जिलों में शामिल है. अररिया के लोगों की आय 18981 रु तो किशनगंज के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 19313 रु है.

पेट्रोल, डीजल, गैस की खपत और लोगों की बचत है पैमाना

आर्थिक सर्वेक्षण में जिलों के आर्थिक स्थिति और अमीर गरीब की पहचान के लिए तीन सूचकों को पैमाना बनाया गया है. इसके तहत लोगों के द्वारा पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस की खपत और लोगों द्वारा किये गए लघु बचत आधार हैं. जिस जिले के लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा पेट्रोल, डीजल और गैस की खपत हुई उसे अमीर जिले में शामिल किया जाता है. इस सर्वेक्षण के मुताबिक, पटना के साथ, मुजफ्फरपुर, वैशाली जिले में पेट्रोल की सबसे ज्यादा खपत हुई. जबकि शिवहर, बांका और लखीसराय जिले में पेट्रोल की सबसे कम खपत हुई. घरेलू गैस के मामले में पटना, नालंदा और सारण सबसे आगे है. जबकि अररिया, किशनगंज और बांका सबसे कम खपत करने वाले जिले हैं.

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