बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हर दिन राजनीतिक समीकरण नए करवट ले रही है. चुनाव से पहले एनडीए में इन दिनों काफी उथल-पुथल मची हुई है. एलजेपी और जेडीयू में घमासान मचा हुआ है. दोनों पार्टी एक दूसरों पर जमकर जुबानी तीर चला रहे हैं.
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के बयान बाद एलजेपी ने भी पलटवार किया है. लोजपा प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा कि वे त्यागी के बयान का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि केसी त्यागी ने एलजेपी और जेडीयू के गठबंधन नहीं होने की बात जनता को बताकर हमारी पार्टी पर बहुत बड़ा उपकार किया है.
उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी चिराग पासवान के सपने को साकार करेगी. बिहार को पहले स्थान पर ले जाने का काम करेगी, एलजेपी उसके साथ रहेगी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट से किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी. अशरफ ने जेडीयू पर निशाना साधते हुए कहा कि जो चिराग की सोच के साथ नहीं है, वो कभी भी बिहार को आगे लेकर जाना नहीं चाहता है.
इससे पहले सोमवार को दिल्ली में एलजेपी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई थी. जिसमें पार्टी ने प्रदेश की 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. पार्टी जल्द ही 143 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स के नाम की घोषणा भी कर सकती है.
वहीं एलजेपी की बैठक के बाद जेडीयू नेता केसी त्यागी ने एलजेपी पर हमला किया था. केसी त्यागी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि एनडीए में शामिल दलों को नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकारना पड़ेगा. त्यागी ने साफ कहा कि जेडीयू और बीजेपी का पुराना साथ है. प्रदेश के बाहर भी दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं.
त्यागी ने साफ कहा कि एलजेपी और जेडीयू का कभी गठबंधन नहीं रहा है. 2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए उन्होंने संकेत दिए कि जेडीयू इस बार एलजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहती है. त्यागी के इस बयान के बाद एलजेपी ने भी साफ कर दिया है कि वो जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ सकती है.