पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी अब अपने चरम पर पहुँच चुकी है। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर सियासी हलचल मचा दी है। पार्टी ने इन सीटों की लिस्ट भी जारी की है, जिससे सीमांचल की सियासत में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। यह वही इलाका है जहाँ ओवैसी को 2020 के चुनाव में शानदार सफलता मिली थी।
2020 में AIMIM का प्रदर्शन – 20 सीटों पर लड़ी, 5 पर जीत हासिल
पिछले चुनाव में AIMIM ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिनमें बहादुरगंज, कोचाधामन, अमौर, जोकीहाट और बायसी शामिल थीं। इनमें से चार सीटों पर एनडीए दूसरे स्थान पर रहा था। लेकिन चुनाव के बाद इन पांच में से चार विधायक राजद (RJD) में शामिल हो गए।
दिलचस्प यह है कि AIMIM की जीत उन्हीं इलाकों में हुई जहाँ मुस्लिम आबादी 60% से अधिक थी। जहाँ मुस्लिम वोटर कम थे, वहाँ पार्टी तीसरे या चौथे स्थान पर चली गई।
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ओवैसी का नया प्लान – 32 सीटों में 24 सीटें मुस्लिम बहुल इलाकों में
इस बार AIMIM ने जिन 32 सीटों का चयन किया है, उनमें से 24 सीटों पर मुस्लिम आबादी एक चौथाई से ज्यादा है।
• 60% से अधिक मुस्लिम आबादी वाली 7 सीटें: बहादुरगंज, कोचाधामन, किशनगंज, अमौर, बायसी, बलरामपुर, जोकीहाट।
• 40% से 60% आबादी वाली 5 सीटें: ठाकुरगंज, कस्बा, प्राणपुर, कदवा, अररिया।
• 25% से 40% आबादी वाली 12 सीटें: मनिहारी, बरारी, ढाका, नरकटियागंज, भागलपुर, सिवान, जाले, केवटी, दरभंगा ग्रामीण, गौड़ा बौराम, बाजपट्टी, बिस्फी।
इनमें से 17 सीटों पर AIMIM पहली बार चुनाव लड़ेगी।
महागठबंधन के लिए चुनौती – मुस्लिम वोटों में सेंध का डर

महागठबंधन की सबसे बड़ी चिंता यह है कि AIMIM मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगा सकती है।
CSDS के पोस्ट पोल सर्वे के अनुसार, 2020 में 76% मुस्लिम वोट महागठबंधन को मिले थे, जबकि सिर्फ 11% AIMIM को।
अगर इस बार यह अंतर घटा, तो RJD और कांग्रेस को नुकसान हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक आशीष रंजन मानते हैं कि AIMIM के लिए पिछला प्रदर्शन दोहराना कठिन होगा। उनका कहना है,
“2020 में लोग ओवैसी से प्रभावित होकर वोट कर रहे थे, पर इस बार महागठबंधन की एकजुटता और सीमांचल में उम्मीदवार चयन AIMIM के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।”
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NDA पर भी नज़र, पर असर सीमांचल में सीमित रहेगा
AIMIM का मुख्य फोकस सीमांचल की सीटों पर है, जहाँ एनडीए की पकड़ कमजोर रही है। हालांकि पार्टी का दावा है कि वह 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, लेकिन अब तक 32 सीटों की ही घोषणा की गई है।
इससे साफ़ है कि AIMIM अपनी ताकत को सीमांचल में समेटकर मुस्लिम
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