बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के बीच अब राजनीतिक बयानबाज़ी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान ने राज्य की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है। शाह ने हाल ही में कहा कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा, लेकिन मुख्यमंत्री का चयन विधायक दल की बैठक में होगा। इस कथन ने राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की अटकलें शुरू कर दी हैं — क्या वाकई नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे?
विपक्ष ने इस बयान को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है और दावा किया कि “बीजेपी अब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती।” इस राजनीतिक गरमी के बीच अब जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने बड़ा बयान देकर माहौल बदलने की कोशिश की है।
ललन सिंह का पलटवार—‘NDA नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगा’

मुंगेर के जमालपुर विधानसभा सीट से जदयू उम्मीदवार नचिकेता मंडल के नामांकन के दौरान पहुंचे ललन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि “एनडीए 200 से ज्यादा सीटें जीतकर 2010 का इतिहास दोहराएगा।”
उन्होंने जोड़ा कि बिहार की जनता इस बार भी विकास, सुशासन और स्थिर सरकार के नाम पर एनडीए को जनादेश देगी।
ललन सिंह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा—
“महागठबंधन नहीं, यह ठगबंधन है। कोई इधर सिंबल बांट रहा है, तो कोई उधर। यह गठबंधन केवल बीजेपी और एनडीए के विरोध में मजबूरी में बना है।”
उनके इस बयान से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि जदयू पूरी मजबूती से बीजेपी के साथ खड़ी है और नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा बने रहेंगे।
यह भी पढ़े : https://livebihar.com/chirag-castewise-candidate-list-bihar-election-2025/
तेजस्वी यादव पर ललन सिंह का वार—‘जमीन के बदले नौकरी देंगे!’
ललन सिंह ने विपक्षी गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने तेजस्वी के “हर घर नौकरी” वाले वादे को झूठा करार देते हुए कहा—
“तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव ने भी रेल मंत्री रहते हुए नौकरी दी थी, लेकिन जमीन के बदले। अदालत ने हाल ही में इस मामले में संज्ञान लिया है। अब तेजस्वी भी जमीन लेकर नौकरी देने की तैयारी में हैं। जनता इनके असली चेहरे को पहचान चुकी है।”
उनका यह बयान न केवल तेजस्वी यादव पर व्यक्तिगत हमला था बल्कि महागठबंधन के चुनावी वादों को भी निशाने पर ले गया।
विपक्ष का आरोप—‘बीजेपी नीतीश को किनारे करने की साजिश में!’
वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि अमित शाह का बयान इस बात का संकेत है कि बीजेपी चुनाव बाद नीतीश कुमार को किनारे कर देगी।
राजद प्रवक्ता ने कहा—
“अमित शाह का बयान यह साबित करता है कि बीजेपी नीतीश कुमार को सिर्फ इस्तेमाल करना चाहती है। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कोई और होगा।”
हालांकि, एनडीए नेताओं का कहना है कि यह विपक्ष की घबराहट की राजनीति है।
अमित शाह का बयान बना बिहार राजनीति का ‘टर्निंग पॉइंट’
अमित शाह ने जो कहा, उसने न केवल बिहार की सियासी दिशा बदल दी है बल्कि एनडीए के भीतर नेतृत्व को लेकर भी चर्चा तेज कर दी है।
उनका कहना था—
“नीतीश कुमार एनडीए के नेता हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का निर्णय विधायक दल करेगा।”
यह बयान साफ तौर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बात करता है, लेकिन राजनीतिक तौर पर विपक्ष ने इसे ‘नीतीश की कुर्सी खतरे में’ के रूप में पेश किया।
Do Follow us. : https://www.facebook.com/share/1CWTaAHLaw/?mibextid=wwXIfr
बिहार में फिर दिखा NDA की एकता का संदेश
ललन सिंह का यह बयान उस वक्त आया है जब विपक्ष लगातार एनडीए में दरार दिखाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन जदयू नेता के इस बयान ने साफ कर दिया कि एनडीए एकजुट है और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री चेहरा रहेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह बयान एनडीए कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने वाला है।
2025 में ‘सुशासन बनाम रोजगार’ की जंग तय
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब दो मुख्य मुद्दों पर केंद्रित होता दिख रहा है—
1. एनडीए का सुशासन और स्थिरता का दावा
2. महागठबंधन का रोजगार और न्याय का वादा
जहां अमित शाह और ललन सिंह विकास की राजनीति की बात कर रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव जनता को आर्थिक न्याय का भरोसा दिलाने में लगे हैं।
अब देखना यह होगा कि जनता 2025 में किस नैरेटिव पर मुहर लगाती है—विकास या वादा?
Do Follow us. : https://www.youtube.com/results?search_query=livebihar