पटना,संवाददाता।
विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी महागठबंधन की सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस में बातचीत बंद हो गई है। दोस्ती टूट के कागार पर पहुंच गई है। कांग्रेस की नाराजगी इतनी है कि उसका कोई बड़ा नेता तेजस्वी यादव के नामांकन में नहीं पहुंचा। और तो और मुकेश सहनी के भी राजद से मुंह मोड़ लेने की कहबर है। कांग्रेस के तल्ख तेवर देखकर लालू यादव भी हैरान हैं। कभी लालू यादव की हर बात मानने वाली कांग्रेस अब उन्हें ही आंख दिखाने लगी है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और राजद में जबर्दस्त टकराव की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस 60 से ज्यादा सीटों की मांग पर अड़ी हुई है, लेकिन राजद ने उसके लिए 55 सीटों की लिमिट तय कर रखी है। ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि क्या राजद और कांग्रेस का साथ बरकरार रहेगा?
कांग्रेस के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए राजद अब कांग्रेस की बात मानने को तैयार नहीं है। उधर कांग्रेस राहुल गांधी की यात्रा में उमड़ी भीड़ देखकर अधिक सीटों की मांग पर अड़ी है। कांग्रेस के नेता यह मानते हैं कि महागठबंधन में अगर कोई नया दल जूड़ा है तो सीटों की कुर्बानी अकेले कांग्रेस ही क्यों दे? कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को क्वांटिटी नहीं, बल्कि क्वालिटी सीट चाहिए। कांग्रेस महागठबंधन में अपने हिस्से जिताऊ सीट चाहती है। राजद ने कांग्रेस को 52 सीटों का ऑफर दिया था, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इसे रिजेक्ट कर दिया था। अब राजद 55 सीट देने को तैयार है। सूत्रों का कहना है कि पिछले 5 दिनों से तेजस्वी यादव की बिहार के कांग्रेस के नेताओं से बातचीत बंद है।
उधर, महागठबंधन में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ, लेकिन राजद और वामदलों ने न सिर्फ उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं बल्कि नामांकन भी शुरू कर दिया है। भाकपा-माले के कई उम्मीदवारों ने मंगलवार को पर्चा भी भर दिया। दिल्ली में बैठक के बाद बिहार कांग्रेस के नेता पटना पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पटना में सीटों का मसाला निपटाया जाएगा। अब देखने वाली बात है कि महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के बीच बात बनती है या नहीं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस करीब 65 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने राजद के लिए 138 सीटें देने का फार्मूला रखा है। बाकी बची 40 सीटों में वाम दलों और मुकेश सहनी की वीआईपी को एडजस्ट करने को कहा है।
राजद ने अब तक कुल 71 उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है। वहीं, भाकपा माले 18 सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल दे चुकी है। इसके अलावा, भाकपा ने 6 उम्मीदवारों की सूची जारी की, 4 अन्य सीटों पर सहमति के बाद उम्मीदवार उतारने का दावा किया गया है। माकपा में भी एक उम्मीदवार ने नामांकन किया और गुरुवार, 16 अक्टूबर को दूसरे उम्मीदवार भी नामांकन भरेंगे। मुकेश सहनी अपनी वीआईपी की सीटों की संख्या लगातार कम होते देख बेचैनी में हैं।
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