बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक वायरल वीडियो ने सियासी माहौल में नया तूफान खड़ा कर दिया है। यह वीडियो, जो अब राजद (RJD) के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से साझा किया गया है, वैषाली जिले के हाजीपुर स्थित स्ट्रांग रूम की कथित गड़बड़ियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि रात के समय स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते हैं, और मध्यरात्रि में पिकअप वैन अंदर घुसकर निकलती है।
वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में चुनाव आयोग (Election Commission of India) से सीधा जवाब मांगा गया है और आरोप लगाया गया है कि देश का “सबसे बड़ा वोट डकैत” प्रचार के बहाने कई दिनों से बिहार में डेरा डाले हुए है। इस पोस्ट ने बिहार चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और सोशल मीडिया पर बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है।
वायरल वीडियो में लगे गंभीर आरोप — “CCTV बंद, रात में वैन की आवाजाही”

राजद के ऑफिशियल अकाउंट से साझा किए गए इस वीडियो में दावा किया गया है कि हाजीपुर के स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी फुटेज को बारी-बारी से बंद किया जा रहा है। साथ ही, हर रात एक पिकअप वैन अंदर घुसती और निकलती है।
पोस्ट में तीखी भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा गया है कि यह सब “वोट चोरी” की बड़ी साजिश का हिस्सा है। कैप्शन में कहा गया है —
“देश का सबसे बड़ा वोट डकैत कई दिनों से प्रचार के बहाने बिहार में डेरा डाले हुए है। चुनाव आयोग के अधिकारी होटल जाकर उसे रिपोर्ट करते हैं।”
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो को लाखों बार देखा गया और हजारों बार साझा किया गया। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि यह सब कुछ बिहार में जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाने की रणनीति है।
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चुनाव आयोग पर उठे सवाल — RJD बोली, “जवाब दें Election Commission”
वीडियो के साथ जारी पोस्ट में चुनाव आयोग (ECI) पर सीधा निशाना साधा गया है। इसमें लिखा गया है —
“Election Commission of India जवाब दें। यह सब कैसे हो रहा है?”
राजद प्रवक्ताओं और कार्यकर्ताओं ने भी इस वीडियो को साझा करते हुए आयोग से तत्काल जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि वीडियो में दिखाया गया दृश्य सही है, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की आत्मा पर गंभीर आघात है।
राजद ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन के कुछ अधिकारी सत्ताधारी पक्ष के दबाव में काम कर रहे हैं और यह सब बिहार की जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है।
वायरल पोस्ट में “दो बाहरी लुटेरों” पर तीखा हमला
राजद के इस वायरल पोस्ट में भावनात्मक और आक्रामक शब्दावली का प्रयोग किया गया है। संदेश में दो “बाहरी ठगों” का ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि वे बिहार की धरती से लोकतंत्र खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।
पोस्ट में लिखा गया है —
“ये दो बाहरी लुटेरे गणतंत्र की जननी बिहार से ही लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन बिहारी ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे।”
यह वाक्य न केवल राजनीतिक बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी असर डाल रहा है। चुनावी वातावरण में इस पोस्ट ने जनता के बीच तीव्र प्रतिक्रिया पैदा की है और माहौल और अधिक राजनीतिक रूप से संवेदनशील बन गया है।
विपक्ष का रुख और जनता की प्रतिक्रिया
वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी नेताओं ने इसे “चुनावी धांधली” की संभावना बताते हुए जोरदार हमले शुरू कर दिए हैं। जनता के बीच भी यह सवाल उठने लगा है कि आखिर क्यों सीसीटीवी बंद किया गया और क्यों पिकअप वैन रात में स्ट्रांग रूम में दाखिल हो रही है।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कहा कि यह चुनावी पारदर्शिता पर “गंभीर खतरा” है, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि राजद इस वीडियो का उपयोग सिर्फ राजनीतिक प्रचार के रूप में कर रही है। बावजूद इसके, वीडियो का असर जनता के बीच व्यापक है।
क्या चुनाव आयोग करेगा जांच?
अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं। जनता और विपक्ष की मांग है कि आयोग इस मामले की तुरंत और निष्पक्ष जांच करे।
मांगों में मुख्य बिंदु हैं:
1. स्ट्रांग रूम के CCTV रिकॉर्ड की स्वतंत्र जांच।
2. रात में आने-जाने वाली पिकअप वैन की पहचान और मूवमेंट लॉग की जांच।
3. चुनावी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की जिम्मेदारी तय करना।
जनता का कहना है कि यदि आयोग ने जल्द और पारदर्शी जवाब नहीं दिया तो यह बिहार चुनाव की विश्वसनीयता को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है।
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लोकतंत्र की पारदर्शिता पर सवाल, जांच अनिवार्य
राजद के आधिकारिक अकाउंट से साझा यह वीडियो बिहार चुनावी प्रक्रिया पर भरोसे की कसौटी बन गया है। सीसीटीवी बंद होने और पिकअप वैन के प्रवेश-निकास की कहानी ने मतदाताओं के मन में शक की लकीर खींच दी है।
अब यह आवश्यक है कि Election Commission of India खुद इस मामले में संज्ञान ले, विस्तृत जांच कराए और जनता के सामने तथ्यों को रखे। यदि वीडियो सही है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, और यदि यह केवल राजनीतिक प्रचार का हिस्सा है, तो इसका भी स्पष्ट खुलासा होना जरूरी है।
लोकतंत्र का सबसे बड़ा आधार है — जनता का विश्वास। और जब यह विश्वास डगमगाता है, तो पूरी चुनावी प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ जाती है। बिहार की जनता अब आयोग की पारदर्शिता पर नजर टिकाए हुए है।
ध्यान दें: यह रिपोर्ट पूरी तरह उस वायरल वीडियो और उसके राजद के ऑफिशियल अकाउंट पर दिए गए कैप्शन पर आधारित है। प्रस्तुत जानकारी आरोपों और दावों पर आधारित है, इसकी स्वतंत्र पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
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