पहले चरण के प्रचार का आखिरी दिन, सियासी हलचल अपने चरम पर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल पूरी तरह सियासी गर्मी से भरा हुआ है।
पहले चरण के मतदान से पहले मंगलवार (4 नवंबर) को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है।
शाम 5 बजे से प्रचार पूरी तरह थम जाएगा, और इसके साथ ही उम्मीदवारों और दलों की जनसभाएं, रोड शो और बयानबाजी भी रोक दी जाएंगी।
लेकिन प्रचार के अंतिम दिन ही बिहार की सियासत में एक बड़ा राजनीतिक झटका आया है।
केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है।
अब ललन सिंह को 24 घंटे के भीतर इस नोटिस का जवाब देना होगा।
मोकामा में बयान बना विवाद की वजह, चुनाव आयोग की सख्ती
मिली जानकारी के मुताबिक, ललन सिंह ने मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान एक बयान दिया था,
जिसे लेकर चुनाव आयोग ने गंभीरता दिखाई है।
बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि ललन सिंह के बयान को
आचार संहिता का संभावित उल्लंघन माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, ललन सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है,
जिसमें कथित तौर पर वे विपक्षी वोटरों को वोट देने से रोकने जैसी बात कर रहे हैं।
हालांकि इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि अब तक नहीं हुई है, लेकिन
वीडियो के तेजी से वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया।
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यदि यह बयान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला पाया गया,
तो इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
RJD ने उठाया मुद्दा, लगाया लोकतंत्र प्रभावित करने का आरोप
इस विवादित वीडियो को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोशल मीडिया पर साझा किया है।
पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री का बयान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला है
और यह आचार संहिता का उल्लंघन भी है।
राजद नेताओं ने कहा कि चुनाव में निष्पक्षता बनाए रखना हर दल और उम्मीदवार की जिम्मेदारी है,
लेकिन ललन सिंह जैसे वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री द्वारा ऐसा बयान देना चुनावी माहौल को दूषित करता है।
अब सबकी नजरें इस पर हैं कि ललन सिंह चुनाव आयोग को क्या जवाब देते हैं,
क्योंकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि उन्हें 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा।
यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो यह मामला और बड़ी कार्रवाई की दिशा में बढ़ सकता है।
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मोकामा में पहले से ही गरम है माहौल — दुलारचंद मर्डर केस ने बढ़ाया तनाव

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब मोकामा विधानसभा सीट पहले से ही
दुलारचंद यादव हत्याकांड को लेकर सुर्खियों में है।
इस मामले में जदयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह को
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है और वे बेऊर जेल में हैं।
अनंत सिंह के जेल जाने के बाद मोकामा में सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं।
अब चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने खुद संभाल ली है।
ललन सिंह ने हाल ही में कहा था—
“अनंत सिंह की गैरमौजूदगी में मोकामा का चुनाव अब हमारी जिम्मेदारी है।
मोकामा का हर व्यक्ति अब अनंत सिंह बनकर चुनाव लड़ेगा।”
उनका यह बयान राजनीतिक जोश और भावनात्मक अपील के रूप में देखा गया था,
लेकिन अब मोकामा में दिए गए एक अन्य बयान पर ही विवाद और नोटिस दोनों मिल गए हैं।
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24 घंटे का अल्टीमेटम — क्या देंगे ललन सिंह संतोषजनक जवाब?
चुनाव आयोग द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि
ललन सिंह को 24 घंटे के भीतर अपनी सफाई देनी होगी।
यह समयसीमा बुधवार (5 नवंबर) शाम तक की है।
अब सियासी हलकों में यह चर्चा तेज है कि
क्या ललन सिंह अपने बयान पर माफी मांगेंगे या उसे गलत तरीके से प्रस्तुत किए जाने का तर्क देंगे।
दोनों ही स्थितियों में यह मामला चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में
जदयू और एनडीए के लिए संवेदनशील मोड़ बन गया है।
मोकामा सीट पर सबकी नजर — सियासी रण हुआ और तीखा
मोकामा विधानसभा सीट इस बार बिहार चुनाव 2025 का सबसे चर्चित चुनाव क्षेत्र बन गया है।
एक ओर यहां दुलारचंद यादव मर्डर केस ने सियासी बवाल मचा रखा है,
दूसरी ओर अनंत सिंह की गैरमौजूदगी में अब पूरा दारोमदार
ललन सिंह और जदयू संगठन पर है।
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि एनडीए मोकामा सीट को हर हाल में जीतने की कोशिश में है,
जबकि राजद इसे जनता के सम्मान और न्याय की लड़ाई बता रही है।
अब ललन सिंह पर आया चुनाव आयोग का नोटिस
मोकामा की सियासत में नई हलचल पैदा कर चुका है।
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