Bihar Election 2025: बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद सियासी बयानबाज़ी अपने चरम पर पहुंच गई है। विकाशशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख और महागठबंधन के डिप्टी सीएम पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने एनडीए सरकार और खासकर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा पर तीखा प्रहार किया है। विजय सिन्हा के काफिले पर हुए हमले के बाद सहनी ने कहा, “अब वे उसी बिहार के नतीजे भुगत रहे हैं, जो उन्होंने खुद बनाया है।”
मुकेश सहनी के इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। चुनावी माहौल पहले ही गर्म था, लेकिन सहनी की यह टिप्पणी सत्ता पक्ष पर सीधे निशाने के रूप में देखी जा रही है।
‘उन्होंने वही बिहार बनाया, जिसका अब असर खुद झेल रहे हैं’: मुकेश सहनी

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर हुए हमले की घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि राज्य और केंद्र—दोनों जगह एनडीए की सरकार है, तो जांच और जिम्मेदारी भी उन्हीं की बनती है।
सहनी ने कटाक्ष भरे लहजे में कहा,
“वे अब उसी बिहार के नतीजे भुगत रहे हैं, जो उन्होंने खुद बनाया है।”
उन्होंने कहा कि आज जनता बदलाव के मूड में है, और महागठबंधन की लहर राज्य में चल रही है। लोग सत्ता परिवर्तन की ओर बढ़ रहे हैं और एनडीए को उखाड़ फेंकने का मन बना चुके हैं।
सहनी के इस बयान को विपक्षी एकजुटता और चुनावी आक्रामकता के रूप में देखा जा रहा है। यह बयान उस समय आया है जब पहले चरण की वोटिंग के आंकड़े एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण माने जा रहे हैं।
पहले चरण की रिकॉर्डतोड़ वोटिंग: 64.66% मतदान ने तोड़ा सभी पुराने रिकॉर्ड (H2)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 64.66 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया — यह अब तक का सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत है। इस बार कुल 3.75 करोड़ मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर मिला।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंज्याल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार मतदान में सभी वर्गों की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
• 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हुआ।
• 85 वर्ष से अधिक उम्र के 2 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने भी वोट डाला।
• शहरी क्षेत्रों में 8,608 मतदान केंद्र, जबकि ग्रामीण इलाकों में 36,733 केंद्र बनाए गए थे।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि जनता ने लोकतंत्र के महापर्व में बड़ी संख्या में भाग लिया है।
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ईवीएम और वीवीपैट डेटा ने दिखाया पारदर्शिता का नया स्तर
विनोद गुंज्याल ने बताया कि मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए इस बार व्यापक तकनीकी तैयारी की गई थी।
• कुल 47,263 बैलेट यूनिट्स,
• 45,341 कंट्रोल यूनिट्स, और
• 45,341 वीवीपैट मशीनें इस्तेमाल हुईं।
इनमें से केवल
• 165 बैलेट यूनिट्स,
• 169 कंट्रोल यूनिट्स, और
• 480 वीवीपैट मशीनें बदली गईं — जो कुल मिलाकर 1.21 प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी बताया कि 2020 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार तकनीकी खराबी के मामले कम दर्ज हुए हैं। पिछली बार 1.87 प्रतिशत ईवीएम बदलनी पड़ी थीं, जबकि इस बार यह संख्या काफी घट गई है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि निर्वाचन आयोग ने पारदर्शी और सुरक्षित मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित की है।
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मतदान प्रतिशत ने बदला चुनावी समीकरण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में मतदान एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए चुनौती और अवसर दोनों लेकर आया है।
जहां एनडीए इसे जनता के भरोसे की जीत बता रहा है, वहीं महागठबंधन इसे सरकार विरोधी जनभावना का संकेत मान रहा है।
मुकेश सहनी के ताजा बयान और विजय सिन्हा पर हमले की राजनीतिक गूंज से यह साफ है कि बिहार चुनाव 2025 अब और ज्यादा गरमाएगा।
बिहार में सियासत का पारा चढ़ा, बयान और मतदान दोनों बने सुर्खियां
पहले चरण की रिकॉर्ड वोटिंग ने बिहार की राजनीति में नई दिशा दी है।
वहीं, मुकेश सहनी के तीखे शब्दों ने एनडीए पर सियासी दबाव और बढ़ा दिया है।
अब सबकी निगाहें दूसरे चरण के मतदान पर हैं, जहां तय होगा कि जनता ‘विकास के नाम पर वोट देगी या बदलाव के नाम पर’।
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