दिल्ली प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के गंभीर आरोप
Bihar Election 2025 Rahul Gandhi Vote Theft Allegation को लेकर देश की राजनीति में नया तूफान खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए।
राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा में बड़ी संख्या में डुप्लिकेट वोटर्स और बल्क वोटर्स मौजूद हैं। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए आंकड़े साझा किए और दावा किया कि लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। राहुल गांधी का यह बयान बिहार चुनाव से एक दिन पहले सामने आया, जिससे इसे लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई।
हरियाणा के बहाने बिहार चुनाव पर ‘वोट चोरी’ का राग

दिल्ली से करीब 1100 किलोमीटर दूर पटना में जब बिहार के पहले चरण के मतदान की तैयारी चल रही थी, तब राहुल गांधी हरियाणा के फर्जी वोटिंग के किस्से सुनाकर महागठबंधन की संभावित हार की भूमिका तैयार करते नजर आए।
हालांकि, अब तक राहुल गांधी ने न तो चुनाव आयोग में शपथ पत्र देकर शिकायत दर्ज कराई है, न ही अदालत का दरवाजा खटखटाया है। सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए आरोप और बयान सामने आ रहे हैं।
बीजेपी नेताओं ने इस बयान को “राजनीतिक नाटक” बताया और कहा कि राहुल गांधी पहले से ही हार की जिम्मेदारी से बचने का रास्ता तैयार कर रहे हैं।
चुनाव आयोग की सफाई और कांग्रेस की चुप्पी
चुनाव आयोग ने इस मामले पर जवाब देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को किसी तरह की गड़बड़ी का संदेह था, तो उसे डुप्लिकेट मतदाताओं को हटाने के लिए शिकायत दर्ज करवानी चाहिए थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा की मतदाता सूची के खिलाफ कोई अपील या दावा दायर नहीं किया गया।
इससे बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी जिस वोटर लिस्ट को दिखाकर फर्जीवाड़े का दावा कर रहे हैं, वह मतदान से पहले की सूची है, न कि मतदान के बाद की। ऐसे में उन्होंने कैसे तय कर लिया कि जिन 22 वोटर कार्ड्स में एक ही तस्वीर है, उनसे वोट डाले भी गए हैं?
मीडिया की जांच में राहुल गांधी के सभी दावे झूठे साबित हुए।
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कांग्रेस के बूथ एजेंटों ने क्यों नहीं उठाई आपत्ति?
इस विवाद के बाद अब यह सवाल भी उठ रहा है कि अगर कांग्रेस को वास्तव में मतदाता सूची में गड़बड़ी दिखी थी, तो उसके बूथ-स्तरीय एजेंटों (BLA) ने कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई?
बिहार और हरियाणा दोनों में कांग्रेस एजेंटों ने संशोधन प्रक्रिया के दौरान कोई आपत्ति नहीं दी, जबकि यही वह समय था जब फर्जी या डुप्लिकेट नाम हटाए जा सकते थे।
वास्तव में, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सत्ता के लिए संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं की साख पर बार-बार सवाल उठाए जा रहे हैं।
बीजेपी का पलटवार – “राहुल गांधी देश को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं”
बीजेपी ने राहुल गांधी पर “जनता को भड़काने” का आरोप लगाया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी बिना सबूत संविधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर हमला कर रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि अगर उनके पास सबूत हैं, तो वे उन्हें चुनाव आयोग या अदालत में पेश करें, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों को गुमराह न करें।
जेन-जी युवाओं का जिक्र और विवाद
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के जेन-जी युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें वोट चोरी रोकने के लिए आगे आना होगा।
बीजेपी ने इसे लेकर कहा कि राहुल गांधी युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए उकसा रहे हैं, जैसा कि हाल ही में कई विदेशी देशों में हुआ। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह बयान भारत में अराजक माहौल बनाने की कोशिश है।
पिछले कुछ महीनों में नेपाल, मोरक्को, फिलीपींस, केन्या, और बांग्लादेश जैसे देशों में जेन-जी युवाओं के आंदोलन हिंसक रूप ले चुके हैं। बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी का बयान इसी वैश्विक पैटर्न की नकल है, जिससे देश की स्थिरता को नुकसान पहुंच सकता है।
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विपक्ष की रणनीति पर उठे सवाल
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान बिहार चुनाव 2025 में संभावित हार की भूमिका बनाने के लिए है। महागठबंधन लगातार कमजोर स्थिति में है, और ऐसे में “वोट चोरी” जैसे मुद्दे के जरिए नैरेटिव तैयार करने की कोशिश की जा रही है।
राहुल गांधी के बयानों से साफ दिखता है कि कांग्रेस जनता के बीच असंतोष पैदा करने की रणनीति पर काम कर रही है।
बेबुनियाद आरोपों से राजनीतिक लाभ की कोशिश
Bihar Election 2025 Rahul Gandhi Vote Theft Allegation पर देशभर में बहस छिड़ चुकी है। लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत या प्रमाण कांग्रेस की ओर से सामने नहीं आया है।
राहुल गांधी का हर आरोप – चाहे वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट, चौकीदार चोर है, या अब वोट चोरी का मुद्दा हो – अंत में बेबुनियाद और प्रमाणहीन साबित हुआ है।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि राहुल गांधी और विपक्ष का यह अभियान जनता को भ्रमित कर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश है। लेकिन जनता अब इन आरोपों और बयानों के पीछे की सच्चाई समझ चुकी है।
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