परिहार से उठी बगावत की आवाज़ – रितु जायसवाल का सीधा संदेश तेजस्वी को
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण से पहले सीतामढ़ी जिले की परिहार विधानसभा सीट पर राजनीतिक पारा चरम पर है। इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की बागी नेता और अब निर्दलीय उम्मीदवार रितु जायसवाल ने पार्टी के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है।
रितु ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि “जनता परिहार को पूर्णिया बना देगी।” उनका यह बयान न सिर्फ चुनावी माहौल को गर्म कर रहा है बल्कि यह तेजस्वी यादव के लिए एक बड़ा संकेत भी है कि पार्टी के अंदर असंतोष गहराता जा रहा है।

2020 में हार, लेकिन जमीनी पकड़ बरकरार
रितु जायसवाल राजद महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के टिकट पर परिहार सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गायत्री देवी से 1569 वोटों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
इस हार के बावजूद रितु की लोकप्रियता इलाके में बनी रही। लोगों के बीच उनकी पहचान एक सक्रिय और जमीन से जुड़ी नेता के रूप में है। यही वजह है कि जब इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उनके समर्थकों में नाराज़गी देखी गई और रितु ने निर्दलीय लड़ने का फैसला कर लिया।
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राजद का निर्णय और रितु की नाराज़गी
इस बार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने पुराने सहयोगी रामचंद्र पूर्वे की बहू स्मिता गुप्ता पूर्वो को परिहार से टिकट दिया है। पार्टी के इस फैसले से रितु जायसवाल नाखुश हुईं।
सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने रितु को सीतामढ़ी जिले की बेलसंड सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन रितु ने दूसरी सीट से चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने क्षेत्र की जनता को छोड़कर कहीं और से चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसके बाद उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया।
लोकसभा चुनाव से खींची गई तुलना – ‘पूर्णिया’ की याद
तेजस्वी यादव की परिहार में होने वाली चुनावी सभा से ठीक पहले, रितु जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक तीखा पोस्ट लिखकर पुराना जख्म ताजा कर दिया।
उन्होंने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह पूर्णिया सीट पर राजद उम्मीदवार बीमा भारती को हार का सामना करना पड़ा था, वैसा ही हाल इस बार परिहार में होगा।
रितु ने अपने पोस्ट में लिखा –
“आज तेजस्वी परिहार आ रहे हैं, उस उम्मीदवार के लिए वोट मांगने जो तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रही हैं। राजद ने परिहार की सीट उस दिन ही गंवा दी थी, जिस दिन कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज करके सिंबल बांटा गया था।”
उनका यह बयान सीधा पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाता है। रितु ने यह भी कहा कि “जनता के आशीर्वाद और कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा है कि मैं आज परिहार की बदहाली के लिए जिम्मेदार विधायक के खिलाफ मजबूती से डटी हूं।”
रितु जायसवाल का आत्मविश्वास और जनता का मूड
रितु जायसवाल के शब्दों में आत्मविश्वास झलकता है। उन्होंने कहा कि “तेजस्वी यादव को बिहार की बाकी 242 सीटों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि परिहार को पूर्णिया बनाने का फैसला जनता पहले ही कर चुकी है।”
उनका यह कथन चुनावी जंग में भावनात्मक और रणनीतिक दोनों तरह से असर डालने वाला साबित हो सकता है।
परिहार सीट पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होना है, और उससे पहले रितु जायसवाल की यह बयानबाजी निश्चित रूप से राजद के लिए चुनौती बन चुकी है।
तेजस्वी यादव की सभा और बागी माहौल
तेजस्वी यादव की बुधवार को परिहार में चुनावी सभा प्रस्तावित है।
लेकिन उससे पहले जिस तरह रितु जायसवाल ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी, उसने पूरे इलाके में चर्चा बढ़ा दी है।
राजद की उम्मीदवारी स्मिता गुप्ता पूर्वो को लेकर पार्टी के अंदर गुटबाज़ी की बात सामने आ रही है। कई स्थानीय कार्यकर्ता भी रितु जायसवाल के समर्थन में उतर आए हैं, जिससे माहौल और गर्म है।
चुनावी समीकरण और संभावित असर
हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि रितु जायसवाल का बगावती कदम परिहार में किस हद तक असर डाल पाएगा, लेकिन यह तय है कि आरजेडी के वोट बैंक में सेंध लग सकती है।
बीजेपी की उम्मीदवार गायत्री देवी पहले से मैदान में हैं, और अगर रितु जायसवाल को पर्याप्त समर्थन मिला तो मुकाबला त्रिकोणीय या चतुर्भुज रूप ले सकता है।
राजद की रणनीति अब इस बात पर टिकी है कि तेजस्वी यादव की सभा कितनी बड़ी भीड़ खींच पाती है और क्या वे बागी तेवर को शांत करने में सफल हो पाते हैं या नहीं।
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राजनीतिक संदेश: परिहार से निकला बगावत का प्रतीक
रितु जायसवाल का यह रुख सिर्फ एक सीट की कहानी नहीं है, बल्कि यह पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद की कमी की तरफ भी इशारा करता है।
उनका “परिहार को पूर्णिया बना देने” वाला बयान इस चुनावी मौसम का अब तक का सबसे शक्तिशाली और भावनात्मक राजनीतिक संदेश माना जा रहा है।
बिहार चुनाव में नया समीकरण तैयार
बिहार चुनाव 2025 में अब परिहार सीट पर लड़ाई केवल प्रत्याशियों की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और राजनीतिक प्रतिबद्धता की बन चुकी है।
रितु जायसवाल की बगावत ने राजद के भीतर उथल-पुथल मचा दी है।
अब देखना यह होगा कि क्या तेजस्वी यादव की सभा और रणनीति इस बगावत को संभाल पाती है या वाकई परिहार ‘पूर्णिया’ की तरह एक चेतावनी बनकर उभरेगा।
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