तेज प्रताप यादव और रवि किशन की मुलाकात से बढ़ी सियासी सरगर्मी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) के दूसरे चरण से पहले सियासी हलचल तेज होती जा रही है। एक ओर जहां नेता लगातार चुनावी सभाओं में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर पटना एयरपोर्ट पर एक ऐसी मुलाकात हुई जिसने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया। शुक्रवार को एयरपोर्ट पर जनशक्ति जनता दल (JJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव और भाजपा सांसद रवि किशन आमने-सामने आए। दोनों ने मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से हाथ मिलाया और मीडिया के सामने बातचीत भी की। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया कि क्या तेज प्रताप यादव एनडीए (NDA) की ओर रुख करने वाले हैं?
पटना एयरपोर्ट पर दिखे दोनों नेता — मुस्कान और बातचीत ने बढ़ाई अटकलें

तेज प्रताप यादव गया जिले में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर लौट रहे थे, जबकि रवि किशन भाजपा की सभाओं में शामिल होकर पूर्वी और पश्चिमी चंपारण से लौट रहे थे। पटना एयरपोर्ट पर दोनों की आकस्मिक मुलाकात ने माहौल को सियासी बना दिया। दोनों ने मीडिया के सामने खुलकर बातचीत की।
रवि किशन ने इस दौरान कहा —
“हम इनको जितना जान रहे हैं, इनके हृदय को सब लोग बहुत प्रेम करते हैं। ये अच्छे दिल वाले इंसान हैं और भोलेनाथ के भक्त हैं। भाजपा में मोदी जी समेत सभी लोग भोलेनाथ के भक्त हैं, और जो निस्वार्थ सेवा करता है उसके लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा खुले हैं।”
उनके इस बयान को लेकर अटकलें और तेज हो गईं कि क्या भाजपा, तेज प्रताप यादव के लिए अपने दरवाजे खोलने को तैयार है?
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तेज प्रताप यादव बोले — “जो बेरोजगारी मिटाएगा, मैं उसके साथ हूं”
पत्रकारों ने जब तेज प्रताप यादव से पूछा कि क्या वे भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं, तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा —
“जो बेरोजगारी दूर करेगा, मैं उसके साथ हूं। जो रोजगार देगा, हम उसके साथ हैं।”
इस जवाब ने सियासी चर्चाओं को और हवा दे दी। साथ ही, जब उनसे भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही प्रशंसा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा —
“प्रशंसा क्यों नहीं करेंगे, ये भी टीका लगाते हैं और हम भी टीका लगाते हैं।”
उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और लोगों ने इसे राजनीतिक संकेत के रूप में देखना शुरू कर दिया।
रवि किशन ने कहा — “भाजपा भोलेनाथ के भक्तों के लिए खुली है”
रवि किशन ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने तेज प्रताप यादव की तारीफ करते हुए कहा कि तेज प्रताप निस्वार्थ सेवा में विश्वास रखते हैं, और ऐसे लोगों के लिए भाजपा सदैव स्वागत करती है। उन्होंने कहा —
“भाजपा में जो भी व्यक्ति सेवा भाव से राजनीति करना चाहता है, उसके लिए दरवाजे खुले हैं। तेज प्रताप यादव का दिल साफ है और जनता उन्हें पसंद करती है।”
उनके इस बयान ने माहौल को और गर्मा दिया। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं की झलक हो सकती है।
तेज प्रताप और तेजस्वी की ‘भावुक तस्वीर’ के बाद फिर नया ट्विस्ट
दिलचस्प बात यह है कि इस मुलाकात से ठीक पहले तेज प्रताप यादव की अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से पटना एयरपोर्ट पर ही भावुक भेंट हुई थी। उस समय दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जिसमें दोनों के बीच की दूरी कम होती दिखी थी। लेकिन अब भाजपा सांसद रवि किशन के साथ तेज प्रताप की मुस्कुराती तस्वीरों ने एक नया मोड़ पैदा कर दिया है।
जनशक्ति जनता दल की 44 सीटों पर दांव
तेज प्रताप यादव इस बार अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) के बैनर तले 44 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। खुद तेज प्रताप महुआ विधानसभा सीट से मैदान में हैं। उनकी पार्टी ने युवाओं और बेरोजगारी को मुख्य एजेंडा बनाया है।
हालांकि इस बार के चुनाव में उनकी पार्टी को ज्यादा प्रभावी नहीं माना जा रहा था, लेकिन भाजपा नेताओं के साथ उनकी मुलाकात ने जनशक्ति जनता दल को अचानक चर्चा के केंद्र में ला दिया है।
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राजनीतिक हलकों में नई अटकलें — एनडीए को मिलेगा नया साथी?
तेज प्रताप यादव और रवि किशन की बातचीत के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि चुनाव के बाद तेज प्रताप यादव एनडीए को समर्थन दे सकते हैं। भले ही उन्होंने अभी तक इसपर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके लहजे और रवि किशन के जवाबों से यह अंदेशा और मजबूत हो गया है।
राजनीतिक विश्लेषक इसे “बिहार चुनाव 2025 का सबसे दिलचस्प मोड़” बता रहे हैं।
बिहार चुनाव में तेज प्रताप की भूमिका बनेगी गेम चेंजर?
Bihar Election 2025 में जहां एनडीए और ‘इंडिया गठबंधन’ आमने-सामने हैं, वहीं तेज प्रताप यादव जैसे नेता चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। भाजपा सांसद रवि किशन के साथ उनकी यह मुलाकात शायद महज एक संयोग हो, लेकिन राजनीतिक नज़रिए से यह मुलाकात कई संभावनाओं के द्वार खोलती दिख रही है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में तेज प्रताप यादव का अगला कदम क्या होता है — क्या वे एनडीए के साथ नई पारी शुरू करेंगे या अपनी राह पर कायम रहेंगे?
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