बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को कैमूर जिले के मोहनिया विधानसभा क्षेत्र से बड़ा झटका लगा है। पार्टी की प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से उनके खिलाफ आपत्ति दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्वेता सुमन उत्तर प्रदेश की निवासी हैं और उन्होंने गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मोहनिया जैसी आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का प्रयास किया।
निर्वाचन पदाधिकारी ने इस शिकायत पर सुनवाई की और बुधवार को फैसला सुनाते हुए श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद आरजेडी खेमे में निराशा का माहौल है, जबकि भाजपा ने इसे “न्यायसंगत निर्णय” बताया है।
भाजपा की आपत्ति और नामांकन रद्द होने की वजह

दरअसल, मोहनिया विधानसभा सीट आरक्षित श्रेणी (SC) के लिए सुरक्षित है। इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का बिहार का स्थायी निवासी होना और आरक्षित वर्ग से संबंधित प्रमाण पत्र स्थानीय स्तर पर सत्यापित होना जरूरी है।
भाजपा ने निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरजेडी उम्मीदवार श्वेता सुमन उत्तर प्रदेश मूल की निवासी हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि उन्होंने “गलत जाति प्रमाण पत्र” बनवाकर चुनाव लड़ने की कोशिश की। शिकायत की जांच के बाद आयोग ने भाजपा की दलीलों को मानते हुए श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया।
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श्वेता सुमन की भावनात्मक प्रतिक्रिया – “सरकार के इशारे पर साजिश”
नामांकन रद्द होने के बाद श्वेता सुमन visibly भावुक नजर आईं। निर्वाचन पदाधिकारी के चेंबर से बाहर निकलते ही उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने पत्रकारों से कहा,
“मेरा नामांकन सरकार के इशारे पर गलत तरीके से रद्द किया गया है। यह एक साजिश है ताकि मुझे चुनाव मैदान से बाहर किया जा सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि जनसुराज पार्टी की उम्मीदवार गीता पासी के खिलाफ भी यही आरोप लगाए गए थे कि वे भी उत्तर प्रदेश मूल की हैं और उन्होंने बिहार से जाति प्रमाण पत्र बनवाया है। लेकिन, निर्वाचन पदाधिकारी ने गीता पासी का नामांकन वैध बताते हुए स्वीकार कर लिया जबकि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
“एक ही तरह के आरोप में एक उम्मीदवार को मंजूरी और दूसरे को अस्वीकार करना न्याय नहीं है। यह दिखाता है कि फैसला दबाव में लिया गया,”
उन्होंने कहा।
निर्वाचन पदाधिकारी का निर्णय – गीता पासी का नामांकन वैध, श्वेता सुमन का रद्द
निर्वाचन पदाधिकारी अनिरुद्ध पांडे ने बुधवार को इस मामले पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सुनवाई के बाद उन्होंने जनसुराज पार्टी की उम्मीदवार गीता पासी का नामांकन वैध बताते हुए स्वीकार कर लिया। वहीं, श्वेता सुमन का नामांकन “दस्तावेजों में असंगति” के कारण खारिज कर दिया गया।
इस फैसले से मोहनिया सीट पर चुनावी समीकरण बदल गए हैं। अब आरजेडी इस सीट पर नए उम्मीदवार की तलाश में है।
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तेजस्वी यादव के लिए झटका, महागठबंधन में हलचल
यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मोहनिया सीट से श्वेता सुमन को एक युवा और ऊर्जावान उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया था। उनके नामांकन रद्द होने से न केवल आरजेडी बल्कि पूरे महागठबंधन के रणनीतिक समीकरण प्रभावित हो सकते हैं।
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि मोहनिया जैसी संवेदनशील सीट पर उम्मीदवार का बाहर होना विपक्षी गठबंधन की तैयारी पर सवाल उठाता है। वहीं भाजपा ने इस पूरे मामले को “कानून की जीत” बताया है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज, सियासी बयानबाज़ी शुरू
नामांकन रद्द होते ही यह मामला राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।
• भाजपा नेताओं ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित फैसला लिया है।
• वहीं, राजद समर्थक इसे सत्ताधारी दल की साजिश बताकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।
मोहनिया में अब माहौल गरम है। आरजेडी की तरफ से अब तक कोई नया नाम घोषित नहीं हुआ है।
मोहनिया में आरजेडी की चुनौती और बदलते समीकरण
मोहनिया से श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होना बिहार चुनाव के दौरान एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है। यह न केवल राजद के चुनावी अभियान पर असर डाल सकता है, बल्कि महागठबंधन की सीट रणनीति पर भी पुनर्विचार की जरूरत पैदा कर सकता है।
जहां भाजपा इस फैसले को अपनी जीत के रूप में देख रही है, वहीं आरजेडी इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बता रही है। आने वाले दिनों में यह मामला चुनावी बहस का प्रमुख मुद्दा बन सकता है।
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