बिहार के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। वे लंबे समय से दिल्ली स्थित डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे। जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने भाजपा पर कई सवाल उठाए थे।। सत्यपाल मलिक की गिनती देश के उन नेताओं में होती थी जिन्होंने छात्र राजनीति से लेकर गवर्नर पद तक का लंबा और प्रभावशाली राजनीतिक सफर तय किया।
मलिक ने अपने करियर की शुरुआत समाजवादी विचारधारा से की थी और आगे चलकर वे सांसद भी बने। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ गए और कई अहम राज्यों में राज्यपाल के रूप में सेवाएं दीं। उन्होंने बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों में राज्यपाल का कार्यभार संभाला।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाकर चर्चा बटोरी थी। अपने कार्यकाल के अंतिम वर्षों में वे सरकार की नीतियों और फैसलों को लेकर मुखर आलोचक भी बने रहे। उनके बेबाक बयानों ने उन्हें सियासी गलियारों में एक अलग पहचान दी। उनके निधन पर देशभर से शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। 11 मई को उनकी हालत ज्यादा गंभीर हो गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे। इन्हीं के कार्यकाल के दौरान ही आज ही के दिन यानी 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया गया था।
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