बिहार NDA सीट बंटवारा 2025: 101-101 सीटों पर BJP–JDU में बड़ा समझौता, चिराग पासवान को मिली 29 सीटें — गठबंधन में दिखी एकजुटता की ताकत!

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Highlights
  • • बिहार NDA सीट बंटवारा 2025 में BJP और JDU को 101–101 सीटें मिलीं • चिराग पासवान की LJP (रामविलास) को 29 सीटों का हिस्सा • HAM और RLM को 6–6 सीटें दी गईं • दिल्ली और पटना में कई दौर की बैठकों के बाद सीट शेयरिंग पर सहमति बनी • बीजेपी ने चिराग को भविष्य में MLC और राज्यसभा सीट का आश्वासन दिया • सीट बंटवारा प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं, सोशल मीडिया के ज़रिए हुआ • बिहार चुनाव 2025 की तारीखें: 6, 11 और 14 नवंबर • महागठबंधन और एनडीए के बीच होगा हाई-वोल्टेज मुकाबला • गठबंधन में एकजुटता दिखाते हुए नीतीश कुमार फिर से सत्ता के लिए तैयार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आखिरकार सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझा ली है। लंबे इंतज़ार और दिल्ली–पटना की कई दौर की बैठकों के बाद भाजपा (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) यानी जदयू (JDU) ने 101–101 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बना ली है।

इसके साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी एलजेपी (रामविलास) को 29 सीटें, जबकि राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 6–6 सीटें दी गई हैं। यह फैसला एनडीए के भीतर संतुलन और साझेदारी की नई मिसाल पेश करता है।

चिराग पासवान की मांगें — 40 से घटकर 35 सीटों की सूची BJP को सौंपी

सीट बंटवारे के दौरान चिराग पासवान ने शुरुआत में 40 सीटों की मांग रखी थी, लेकिन बातचीत के बाद उन्होंने इसे घटाकर 35 सीटों तक सीमित कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, चिराग ने जिन सीटों पर दावा किया, उनमें कई प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं जो फिलहाल अन्य एनडीए सहयोगियों के कब्जे में हैं — जैसे गोविंदगंज, मटिहानी, और सिकंदरा।

चिराग पासवान चाहते थे कि उनकी पार्टी को उन पांच लोकसभा क्षेत्रों (हाजीपुर, जमुई, वैशाली, खगड़िया, समस्तीपुर) में कम से कम दो–दो विधानसभा सीटें मिलें, जहां उनकी पकड़ मानी जाती है।
उनकी मांगी गई सीटों में महनार, महुआ, फतुहा, मुरवा, भागलपुर सदर, ओबरा और शेखपुरा जैसी रणनीतिक सीटें शामिल थीं।

बीजेपी ने जवाब में एलजेपी (रामविलास) को 26 सीटें देने का प्रस्ताव दिया, साथ ही भविष्य में एक विधान परिषद (MLC) और एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया।

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BJP और JDU का बराबर हिस्सा — ‘बड़ा भाई–छोटा भाई’ का विवाद खत्म

2020 के चुनावों के बाद पहली बार BJP और JDU ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
एनडीए की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर यह घोषणा करते हुए लिखा —

“एनडीए के साथियों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में सीटों का वितरण पूर्ण किया है। जदयू 101, भाजपा 101, लोजपा (रामविलास) 29, राष्ट्रीय लोक मोर्चा 6, और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।”

प्रधान ने आगे कहा कि “बिहार तैयार है, फिर से एनडीए सरकार!”, जो गठबंधन के भीतर एकजुटता और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने भी इस सीट शेयरिंग को साझा करते हुए ट्वीट किया —

“सौहार्द और समन्वय की राजनीति ही बिहार का भविष्य है।”

बिहार चुनाव 2025 की तारीखें और बड़ा मुकाबला

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहला चरण 6 नवंबर, दूसरा चरण 11 नवंबर, और मतगणना 14 नवंबर 2025 को होगी।
इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन (RJD–Congress) के बीच माना जा रहा है।
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन सत्ता में वापसी की कोशिश में है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए मैदान में उतरेंगे।

सोशल मीडिया पर घोषणा — एनडीए की नई डिजिटल रणनीति

बिहार NDA सीट बंटवारा 2025: 101-101 सीटों पर BJP–JDU में बड़ा समझौता, चिराग पासवान को मिली 29 सीटें — गठबंधन में दिखी एकजुटता की ताकत! 2

दिलचस्प बात यह रही कि इस बार सीट शेयरिंग की घोषणा किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के ज़रिए की गई।
यह कदम डिजिटल युग की राजनीति का नया चेहरा दिखाता है — जहां घोषणाएं अब सीधे जनता तक ‘X’, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए पहुंचाई जा रही हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह “सोशल कनेक्ट” एनडीए की प्रचार रणनीति का हिस्सा है, जिससे युवा वोटर्स तक सीधा संदेश पहुंचे — “बिहार तैयार है, फिर से एनडीए सरकार!”

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एनडीए में सीट बंटवारे की यह सहमति न केवल एक रणनीतिक जीत है बल्कि यह दिखाती है कि तमाम मतभेदों के बावजूद गठबंधन एकजुट और संगठित है।
चिराग पासवान की सक्रियता, भाजपा–जदयू की साझेदारी और नीतीश कुमार की स्थिर छवि — ये तीनों मिलकर एनडीए को इस चुनाव में मजबूती से खड़ा करते हैं।

अब देखना यह होगा कि क्या “101–101 का यह फार्मूला” बिहार की जनता के दिलों में भी उतरेगा, या महागठबंधन का ‘तेजस्वी कार्ड’ बाज़ी पलट देगा।

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