नेपाल की नज़र से बिहार चुनाव 2025: ‘अंधी गाय और लंगड़ा बैल’ की कहावत में छिपा राजनीतिक सच

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बिहार चुनाव 2025 में नेपाल की सीमाई भूमिका और व्यापारिक प्रभाव
Highlights
  • • नेपाल के प्रोफेसर ने बिहार चुनाव को कहा — “अंधी गाय और लंगड़ा बैल” • बिहार-नेपाल की 756 किमी सीमा बनी राजनीतिक सरोकार की धुरी • बिहार के 21 सीमाई विधानसभा क्षेत्र नेपाल के प्रभाव में • शराबबंदी के बाद नेपाल में शराब उद्योग में 12% वृद्धि • बिहार से लगभग 30 हजार करोड़ का कारोबार नेपाल की ओर खिसका • चुनावी रैलियों में नेपाल की भोजपुरी डांसरों की बढ़ी मांग • सीमाई रिश्ते अब राजनीति, व्यापार और मनोरंजन तक फैले

नेपाल-बिहार की सीमाई राजनीति — बेटी-रोटी के रिश्ते से वोट-बैंक तक

नेपाल के प्रोफेसर भाग्यनाथ प्रसाद गुप्ता ने बिहार चुनाव को लेकर एक दिलचस्प कहावत दी — “अंधी गाय और लंगड़ा बैल”। यह कहावत दोनों देशों की पारस्परिक निर्भरता को दर्शाती है। नेपाल को जहाँ संसाधनों के लिए भारत की ज़रूरत है, वहीं बिहार को व्यापारिक और सामाजिक सहयोग नेपाल से मिलता है।

सीमाई प्रभाव — बिहार के 21 विधानसभा क्षेत्र नेपाल की सरगर्मी में

बिहार-नेपाल सीमा से सटे 21 विधानसभा क्षेत्रों पर नेपाल का सीधा सामाजिक और आर्थिक प्रभाव है। इन क्षेत्रों के परिवारों के रिश्ते नेपाल में हैं, जिससे चुनावी माहौल दोनों ओर एक साथ गर्माता है।

धार्मिक और सामाजिक जुड़ाव — मुसलमानों और मधेसी समुदाय की भूमिका

नेपाल की नज़र से बिहार चुनाव 2025: ‘अंधी गाय और लंगड़ा बैल’ की कहावत में छिपा राजनीतिक सच 1

नेपाल के तराई क्षेत्र की 80% मुस्लिम आबादी बिहार के सीमांचल से गहराई से जुड़ी है। सीमाई मुसलमान बिहार की अल्पसंख्यक राजनीति को प्रभावित करते हैं और दोनों क्षेत्रों की सामाजिक कड़ियां मज़बूत बनाते हैं।

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सीमा व्यापार और राजनीति — अरबों का कारोबार और चुनावी फंडिंग

भारत-नेपाल के बीच 10 ट्रांजिट पॉइंट्स के ज़रिए रोजाना सैकड़ों ट्रक व्यापारिक सामान लेकर गुजरते हैं। अब इस व्यापार में शराब और मनोरंजन का नया तड़का जुड़ गया है, जिसने सीमाई अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है।

शराबबंदी का आर्थिक असर — बिहार से नेपाल तक 30 हजार करोड़ का ट्रांसफर

2016 की शराबबंदी के बाद बिहार सरकार का सालाना 3,142 करोड़ का राजस्व घट गया। नौ वर्षों में लगभग 30,000 करोड़ का कारोबार नेपाल की ओर शिफ्ट हो गया है। नेपाल अब बिहार के लोगों के लिए नया “लीकर डेस्टिनेशन” बन चुका है।

मनोरंजन कनेक्शन — ऑर्केस्ट्रा और भोजपुरी डांसरों की बढ़ती मांग

बिहार की चुनावी रैलियों और आयोजनों में नेपाली भोजपुरी डांसरों की भागीदारी बढ़ी है। अश्विनी शाही और बन्दना नेपाल जैसी कलाकार अब बिहार की राजनीति में मनोरंजन का चेहरा बन चुकी हैं।

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सीमाई दोस्ती या राजनीतिक साझेदारी?

बिहार और नेपाल के बीच का रिश्ता अब सीमाओं से आगे बढ़ चुका है। सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और राजनीतिक स्तर पर दोनों एक-दूसरे के सहयोगी बन गए हैं। “अंधी गाय और लंगड़ा बैल” की कहावत अब इस रिश्ते की सच्ची तस्वीर पेश करती है।

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