बिहार में न्यायपालिका ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून के सामने कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता, यहां तक कि सरकारी विभाग भी नहीं। तहत किशनगंज से सामने आई यह खबर प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचाने वाली है। व्यवहार न्यायालय किशनगंज ने भवन निर्माण विभाग (बीसीडी) के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उसके कार्यालय और संबंधित संपत्तियों को नीलाम करने का आदेश जारी कर दिया है।
यह आदेश एक पुराने भुगतान विवाद से जुड़ा है, जिसमें विभाग द्वारा वर्षों से भुगतान नहीं किए जाने पर अदालत को कड़ा कदम उठाना पड़ा।
Bihar News: किशनगंज कोर्ट का बड़ा आदेश, 28 जनवरी को होगी नीलामी
मामला निष्पादन वाद संख्या 22/2024 (सिस-25/2024) से संबंधित है। सब जज प्रथम की अदालत ने आदेश दिया है कि 28 जनवरी 2026 को कुर्क की गई संपत्तियों की सार्वजनिक नीलामी कराई जाएगी। इससे पहले विभाग की संपत्तियों का इश्तेहार सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जा चुका है।
अदालत ने अपने आदेश के जरिए साफ संदेश दिया है कि सरकारी विभाग भी अदालती आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकते। यदि समय पर भुगतान नहीं किया जाता है, तो संपत्ति की कुर्की और नीलामी जैसी कार्रवाई से भी विभाग को गुजरना पड़ सकता है।
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Kishanganj Court Order: 8 साल पुराना भुगतान विवाद बना वजह

इस पूरे मामले की जड़ में किशनगंज के संवेदक मुकेश कुमार सिंह हैं। उन्होंने लगभग आठ वर्ष पहले भवन निर्माण विभाग के लिए निर्माण कार्य पूरा किया था। कार्य पूरी तरह संपन्न होने के बावजूद विभाग द्वारा अब तक भुगतान नहीं किया गया।
संवेदक ने कई बार विभाग से भुगतान की मांग की, लेकिन जब हर बार निराशा हाथ लगी तो अंततः उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। सिविल कोर्ट में सुनवाई के बाद सब जज प्रथम की अदालत ने संवेदक के पक्ष में फैसला सुनाया और बकाया राशि के भुगतान का आदेश दिया, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया।
Bihar News Update: कोर्ट ने क्यों अपनाया सख्त रवैया
अदालती आदेश की लगातार अवहेलना को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने निष्पादन की प्रक्रिया शुरू की। इसके तहत भवन निर्माण विभाग की संपत्तियों को पहले कुर्क किया गया और अब उनकी सार्वजनिक नीलामी का आदेश पारित किया गया है।
कोर्ट का मानना है कि यदि ऐसे मामलों में सख्ती नहीं बरती जाती, तो सरकारी विभागों द्वारा भुगतान में लापरवाही की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। यह फैसला एक तरह से अन्य विभागों के लिए भी चेतावनी माना जा रहा है।
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Building Construction Department Bihar: 23 लाख रुपये अब भी बकाया
संवेदक के अधिवक्ता अजय मंडल ने बताया कि विभागीय ट्रिब्यूनल ने करीब छह वर्ष पहले ही भुगतान का आदेश दे दिया था। इसके बावजूद अब तक राशि का भुगतान नहीं किया गया।
उन्होंने जानकारी दी कि सूद सहित लगभग 23 लाख रुपये का भुगतान अभी भी लंबित है। यही वजह है कि अदालत को मजबूरन यह कठोर कदम उठाना पड़ा।
Bihar Government Property Auction: प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप
सरकारी विभाग की संपत्ति की नीलामी का आदेश सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। यह मामला न सिर्फ किशनगंज बल्कि पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भविष्य में सरकारी भुगतान मामलों में एक मिसाल साबित हो सकता है।
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