Bihar Politics 2025: राहुल गांधी के नेतृत्व पर उठे सवाल, INDIA गठबंधन में बढ़ती नाराज़गी से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं!

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राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और उमर अब्दुल्ला के बीच बढ़ती सियासी दूरी ने INDIA गठबंधन को मुश्किल में डाला
Highlights
  • • राहुल गांधी के नेतृत्व पर INDIA गठबंधन में बढ़ती नाराज़गी • जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस में सीट विवाद • महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के बीच सुरों का टकराव • बिहार में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के बीच सियासी दूरी • रणनीतिक गलती के कारण कांग्रेस की स्थिति कमजोर • विपक्षी एकता पर बड़ा सवालचिह्न

Bihar Politics 2025 में अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन INDIA को एकजुट रख पाएंगे?
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सहयोगी दलों की मदद से बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। राहुल गांधी के नेतृत्व में यूपीए की जगह INDIA गठबंधन बनाकर एक नया राजनीतिक मोर्चा खड़ा किया गया।

हालांकि अब तस्वीर बदलती दिख रही है — जम्मू-कश्मीर से लेकर बिहार और महाराष्ट्र तक गठबंधन की एकजुटता पर दरार साफ दिखने लगी है।

राहुल गांधी की रणनीति पर उठने लगे सवाल

लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने विपक्षी एकजुटता का संदेश देकर राजनीतिक वापसी की झलक दी थी।
लेकिन चुनाव परिणामों के बाद राहुल गांधी का लीडरशिप मॉडल सहयोगी दलों को रास नहीं आ रहा।

जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीटों और विधानसभा उपचुनावों को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में टकराव गहराता जा रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने उमर अब्दुल्ला की पार्टी पर गठबंधन धर्म का अनादर करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस को विधानसभा की एक सीट नहीं दी गई, तो पार्टी दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

यह विवाद न केवल जम्मू-कश्मीर की राजनीति को बल्कि पूरे INDIA गठबंधन की विश्वसनीयता को झटका देने वाला है।

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महाराष्ट्र से भी उठी असहमति की आवाज़

महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और सहयोगी दलों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस और एनसीपी के सुर मेल नहीं खा रहे।

साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से जुड़े इस्तीफा बिल पर बनी जेपीसी में शामिल न होने से कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठे हैं।
गठबंधन की समन्वय समिति तक इन मतभेदों की गूंज पहुंच चुकी है।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, राहुल गांधी की “केन्द्रित नेतृत्व शैली” सहयोगियों को उतनी जगह नहीं दे रही जितनी वे चाहते हैं।

बिहार में सबसे बड़ी दरार – तेजस्वी बनाम राहुल

Bihar Politics 2025 का सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को बिहार में लगा है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने खुले मंच से राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताकर समर्थन जताया।

लेकिन राहुल गांधी लगातार तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से बचते रहे।
यह बात आरजेडी खेमे में असंतोष का कारण बन रही है।

राजनीतिक समीक्षक कहते हैं कि अगर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की सीधी मुलाकात होती, तो कई मुद्दे सुलझ सकते थे।
लेकिन राहुल की जगह केसी वेणुगोपाल और अन्य नेताओं को भेजने के कारण संवाद कमजोर हुआ है।

INDIA गठबंधन में राहुल गांधी की नेतृत्व स्वीकार्यता पर सवाल

कांग्रेस ने राहुल गांधी को विपक्षी गठबंधन का सर्वमान्य नेता बनाने की रणनीति अपनाई थी।
लेकिन अब कई सहयोगी दल खुलकर सवाल उठा रहे हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जैसे नेताओं के साथ भले ही उनके रिश्ते मजबूत हों,
लेकिन राजनीतिक समन्वय की कमी साफ झलक रही है।

विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी को अब राजनीतिक साझेदारी को संवाद और सम्मान के साथ आगे बढ़ाना होगा, वरना INDIA गठबंधन 2026 के राज्य चुनावों से पहले कमजोर हो सकता है।

राहुल गांधी की गैरमौजूदगी और रणनीतिक चूक

सबसे बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी महत्वपूर्ण मौकों पर गैरमौजूद क्यों रहते हैं?
बिहार में सीट बंटवारे का मसला गर्म है, लेकिन राहुल दिल्ली में मौजूद होने के बावजूद तेजस्वी यादव से मुलाकात नहीं करते।

यह रणनीतिक गलती कांग्रेस के लिए महंगी साबित हो सकती है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर राहुल गांधी ने व्यक्तिगत पहल दिखाई होती, तो कांग्रेस की स्थिति बिहार में कहीं मजबूत हो सकती थी।

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INDIA गठबंधन का भविष्य – एकता या विभाजन?

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक, Bihar Politics 2025 में जो संकेत दिख रहे हैं,
वह आने वाले समय में INDIA गठबंधन की दिशा तय करेंगे।

अगर राहुल गांधी सभी सहयोगियों को साथ रख पाने में असफल होते हैं,
तो यह विपक्ष के लिए 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा झटका हो सकता है।

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