Bihar Politics: नीतीश कैबिनेट में सबसे युवा चेहरा—बिना विधायक-MLC बने मंत्री बने दीपक प्रकाश
बिहार की राजनीति में गुरुवार का दिन बेहद ऐतिहासिक रहा, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10वीं बार पद और गोपनीयता की शपथ ली। 26 मंत्रियों के साथ एनडीए 8.0 की नई राजनीतिक टीम ने राज्य की सियासत में एक बड़ा संदेश दिया।
लेकिन इस पूरे शपथ ग्रहण समारोह में जिस नाम ने हर किसी को चौंकाया, वह था — दीपक प्रकाश।
न विधायक, न MLC, न किसी सदन की सदस्यता।
इसके बावजूद नीतीश कुमार ने उन्हें सीधे कैबिनेट मंत्री बना दिया, जो बिहार की राजनीति में एक अनोखा क्षण माना जा रहा है।
Bihar Politics: कौन हैं दीपक प्रकाश? उपेंद्र कुशवाहा के बेटे की तेज़ी से उभरती राजनीतिक पहचान
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश राजनीति में एक उभरता हुआ चेहरा हैं।
2025 में RLM को 5 सीटें मिलीं, जिनमें से 4 पर जीत हासिल हुई। सबसे दिलचस्प जीत काराकाट से आई, जहाँ दीपक प्रकाश की माँ स्नेहलता कुशवाहा पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुँचीं।
शिक्षा और करियर: इंजीनियर, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट और तीव्र राजनीतिक समझ
दीपक प्रकाश की प्रोफ़ाइल बेहद आकर्षक है—
• जन्म: 22 अक्टूबर 1989
• 10वीं (ICSE) — 2005
• 12वीं (CBSE) — 2007
• B.Tech (Computer Science) — MIT, मणिपाल (2011)
• 2011–2013: सॉफ्टवेयर इंजीनियर
• 2013 के बाद: निजी क्षेत्र में स्व-रोज़गार
• 2019–20: राजनीति में सक्रिय प्रवेश
यानी उनका करियर तकनीकी और प्रबंधन दोनों दृष्टि से मजबूत रहा है।
Bihar Politics: शपथ ग्रहण में सबसे आखिरी में लेकिन सबसे चर्चित नाम — दीपक प्रकाश

गांधी मैदान में हुए रिकॉर्ड-तोड़ शपथ ग्रहण समारोह में—
• PM मोदी
• अमित शाह
• कई मुख्यमंत्री
• हज़ारों कार्यकर्ताओं
की मौजूदगी में 26 मंत्रियों ने शपथ ली।
शपथ लेने वालों में JDU–BJP–LJP(R)–HAM–RLM सभी शामिल रहे।
सबसे अंत में जिन 6 मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें एक नाम था—
दीपक प्रकाश।
और इसी क्षण ने बिहार की सियासत में एक नई बहस को जन्म दिया।
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Bihar Politics: बिना MLA-MLC बने मंत्री बनना—कैसे संभव हुआ?
संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति बिना MLA या MLC बने अधिकतम 6 महीने तक मंत्री बन सकता है।
इस अवधि में उसे किसी एक सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है।
इसी नियम के अंतर्गत—
RLM को सीट बंटवारे के समझौते में एक MLC सीट मिलनी है,
और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार:
👉 दीपक प्रकाश पहले MLC बनेंगे
👉 उसके बाद उनकी कैबिनेट सदस्यता संवैधानिक रूप से पक्की हो जाएगी
इसलिए उनका मंत्री बनना संवैधानिक रूप से पूरी तरह सही प्रक्रिया के तहत है।
Bihar Politics: नीतीश की रणनीति—क्या संदेश?
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक नीतीश कुमार का ये कदम कई मायनों में बड़ा और दूरगामी है—
1. RLM को NDA में मजबूत जगह देना
उपेंद्र कुशवाहा इस बार सीट बंटवारे से नाखुश थे पर NDA में ही रहे।
ऊपर से MLA/MLC न होते हुए भी उनके बेटे को मंत्री बनाना, NDA की एकजुटता का संकेत देता है।
2. युवा नेतृत्व को आगे लाना
दीपक प्रकाश की उम्र—
➡ केवल 35 वर्ष
उन्हें कैबिनेट में जगह देना
“New Generation Leadership”
की शुरुआत माना जा रहा है।
3. NDA 8.0 में नई ऊर्जा
इस बार 12 नए चेहरे कैबिनेट में शामिल हुए।
यह नीतीश कुमार की “युवा + अनुभव” वाली रणनीति को दर्शाता है।
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Bihar Politics: शपथ ग्रहण में किन-किन मंत्रियों ने जगह पाई?
सूची बेहद लंबी है, लेकिन सबसे प्रमुख नाम:
• सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री)
• विजय कुमार सिन्हा (उपमुख्यमंत्री)
• विजय कुमार चौधरी
• अशोक चौधरी
• बिजेंद्र यादव
• श्रवण कुमार
• मंगल पांडे
• दिलीप जायसवाल
• लेसी सिंह
• मदन सहनी
• नितिन नवीन
• रामकृपाल यादव
• संतोष सुमन
• सुनील कुमार
• जमाखान
• संजय सिंह टाइगर
• रमा निषाद
• सुरेंद्र मेहता
• लखेंद्र पासवान
• श्रेयसी सिंह
• प्रमोद कुमार
• संजय पासवान
• और आखिर में — दीपक प्रकाश
बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय
दीपक प्रकाश का मंत्री बनना केवल एक राजनीतिक नियुक्ति नहीं, बल्कि Bihar Politics में—
👉 नई पीढ़ी
👉 नए चेहरे
👉 नए राजनीतिक संतुलन
का मजबूत संकेत है।
और यह भी स्पष्ट है कि NDA 8.0 में उपेंद्र कुशवाहा की RLM की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाली है।
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