Bihar Assembly Session में बालू माफिया बना सियासी युद्ध का मैदान
Bihar Assembly Session के दौरान बिहार विधानसभा का माहौल उस वक्त पूरी तरह तेजाबी हो गया, जब बालू माफिया के मुद्दे पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र आमने-सामने आ गए। बहस इतनी तीखी थी कि कुछ पलों के लिए सदन बहस का मंच नहीं बल्कि सियासी अखाड़ा बन गया।
- Bihar Assembly Session में बालू माफिया बना सियासी युद्ध का मैदान
- Bihar Assembly Session में “बुलडोजर चलेगा” बयान से गरमाया सदन
- Bihar Assembly Session में भाई वीरेंद्र का पलटवार — “इनका भी रहा है रिश्ता”
- Bihar Assembly Session में सरकार का साफ संदेश — यह राजनीतिक नहीं, प्रशासनिक जंग है
- Bihar Assembly Session में विपक्ष का जवाब — “सरकार केवल बयानबाज़ी कर रही”
- Bihar Assembly Session में बालू की सियासत बनी सत्ता की परीक्षा
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा सरकार की ओर से जवाब देते हुए पूरे आक्रामक अंदाज़ में बोले कि बिहार में बालू माफिया की छाती पर बुलडोजर चलेगा, चाहे वे कितने ही रसूखदार क्यों न हों। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अवैध खनन अब उद्योग जैसा नेटवर्क बना चुका है, लेकिन अब यह नेटवर्क सरकार की निगरानी में है और कानून का शिकंजा इतना सख्त होगा कि कोई भी माफिया भविष्य में सिर उठाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा।
Bihar Assembly Session में “बुलडोजर चलेगा” बयान से गरमाया सदन
विजय सिन्हा के “बुलडोजर चलेगा” वाले बयान के साथ ही सत्तापक्ष की बेंच पर समर्थन की गूंज सुनाई देने लगी। उन्होंने दावा किया कि सरकार अब किसी भी दबाव में आने वाली नहीं है। बालू माफिया चाहे आर्थिक रूप से कितना ही ताकतवर क्यों न हो, उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई बिना रुके जारी रहेगी।
डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि अवैध खनन केवल कानून व्यवस्था का नहीं बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय अपराध भी है। सरकार इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम कर रही है। उनका यह बयान सीधे तौर पर यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में बालू माफिया के खिलाफ बड़े स्तर पर सख्त कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
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Bihar Assembly Session में भाई वीरेंद्र का पलटवार — “इनका भी रहा है रिश्ता”

विजय सिन्हा के तीखे तेवरों के बीच जैसे ही सदन का माहौल गरमाया, राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र खड़े हुए और उन्होंने सीधा सियासी बम फोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि
“इनका भी बालू माफिया से रिश्ता रहा है।”
इस एक वाक्य ने सदन को पलक झपकते ही धधकते अंगारों में तब्दील कर दिया। सत्ता पक्ष भड़क उठा, विपक्ष तालियों के साथ समर्थन में खड़ा दिखा और पूरे सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया।
Bihar Assembly Session में विजय सिन्हा का तीखा जवाब
भाई वीरेंद्र के आरोप पर विजय कुमार सिन्हा तुरंत भड़क उठे। उन्होंने कहा कि बिना सबूत के इल्ज़ाम लगाने वाले वही लोग हैं जिन्होंने बिहार में जंगलराज की नींव रखी थी। उन्होंने दो टूक कह दिया कि अब नकारात्मक राजनीति से कोई फायदा नहीं होगा।
विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि अब किसी को मनगढ़ंत आरोप लगाकर राजनीतिक दुकान चलाने नहीं दिया जाएगा। जो लोग इल्ज़ाम लगा रहे हैं, उनका असली चेहरा जनता के सामने बेनकाब किया जाएगा। सरकार अब पूरे सिस्टम को साफ करने के मूड में है।
Bihar Assembly Session में सरकार का साफ संदेश — यह राजनीतिक नहीं, प्रशासनिक जंग है
विजय सिन्हा के पूरे बयान से यह साफ झलकता है कि सरकार बालू माफिया के खिलाफ चल रही कार्रवाई को अब राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि प्रशासनिक युद्ध के तौर पर पेश करना चाहती है। उनका संकेत साफ था कि सरकार किसी भी दल, जाति या रसूख को देखकर कार्रवाई नहीं करेगी।
सरकार का दावा है कि अवैध खनन पर रोक लगाने से राज्य के राजस्व को भी बड़ा फायदा मिलेगा और पर्यावरण को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।
Bihar Assembly Session में विपक्ष का जवाब — “सरकार केवल बयानबाज़ी कर रही”
वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार केवल मंच से बड़े-बड़े बयान दे रही है, लेकिन असली खेल सत्ता के भीतर ही छिपा बैठा है। विपक्ष का आरोप है कि जिन इलाकों में सबसे अधिक अवैध खनन होता है, वहां सत्ता से जुड़े लोगों का संरक्षण रहा है।
भाई वीरेंद्र के आरोप को विपक्ष इसी मुद्दे से जोड़कर देख रहा है। विपक्ष का कहना है कि जब तक सत्ता के भीतर बैठे असली संरक्षकों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक बालू माफिया पर कार्रवाई सिर्फ दिखावा बनी रहेगी।
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Bihar Assembly Session में बालू की सियासत बनी सत्ता की परीक्षा
आज की यह टक्कर इस बात का साफ संकेत देती है कि बिहार की बालू सियासत सिर्फ रेत की नहीं, बल्कि सियासी वजन की लड़ाई बन चुकी है। जहां सत्ता पक्ष इसे कानून व्यवस्था और विकास से जोड़कर देख रहा है, वहीं विपक्ष इसे सत्ता के भीतर छिपे संरक्षण से जोड़ रहा है।
हर आरोप अपने आप में एक नया राजनीतिक भूचाल खड़ा कर रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तेज़ होगा, क्योंकि बालू माफिया से जुड़े सवाल सीधे-सीधे बिहार की कानून व्यवस्था, राजस्व और पर्यावरण से जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष
Bihar Assembly Session में बालू माफिया पर विजय सिन्हा और भाई वीरेंद्र की भिड़ंत ने स्पष्ट कर दिया कि यह मुद्दा आने वाले समय में बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा रणक्षेत्र बनने वाला है। सरकार सख्त कार्रवाई के दावे कर रही है, विपक्ष संरक्षण के आरोप लगा रहा है। इस टकराव के बीच जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि असली बुलडोजर बयान से आगे जमीन पर कब उतरता है।
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