बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है। सरकार की मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर को पूरा हो रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में आचार संहिता भी लग सकता है। इससे पहले बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र हो सकता है। जो मौजूदा सरकार का अंतिम सत्र होगा।
विधानसभा अध्यक्ष के एक करीबी नेता ने बताया कि बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र जुलाई के मध्य में हो सकता है। यह 14 जुलाई से शुरू हो सकता है जो एक सप्ताह का होगा। हालांकि कैबिनेट में मुहर लगने के बाद ही तारीख की घोषणा होगी। यह सत्र काफी महत्वपूर्ण और हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष जहां कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा तो सरकार भी इस अंतिम सत्र में जनता के लिए लोक-लुभावने बिल को पास कर सकती है।
राजनीतिक जानकार के अनुसार विधानमंडल का सत्र पांच दिन का हो कता है। इस सत्र में सरकार जनता के लिए लोक-लुभावने योजनाएं बना सकती है। इस सत्र में अनुपूरक बजट भी होगा। सरकार के कई विभागों में चल रही योजना की राशि बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव ने ‘माई बहिन मान योजना’ की घोषणा की है तो उसको देखते हुए सरकार इस सत्र में आधी-आबादी पर विशेष ध्यान रख सकती है। उनके लिए कई तरह की योजनाएं ला सकती है।
उन्होंने बताया कि जीविका दीदियों के ऋण में छूट दे सकती है। इनका मानदेय बढ़ाया जा सकता है। कुछ दिनों पहले इन लोगों ने मानदेय बढ़ाने को लेकर हंगामा भी किया था। इसके अलावा शिक्षकों के मूल वेतन में वृद्धि हो सकती है। बिहार में करीब 6 लाख शिक्षक हैं। शिक्षकों की नियुक्तियां तो हुई हैं, लेकिन उनके मूल वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गई है। ऐसे में उम्मीद है कि इस सत्र में शिक्षकों का ख्याल रखा जाए।
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