Bihar Vidhansabha Session 2025: हंगामे के बीच दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा 

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Highlights
  • • Bihar Vidhansabha Session 2025 अनिश्चितकाल के लिए स्थगित • विधानसभा में स्पीकर प्रेम कुमार ने सत्र किया समाप्त • CM Nitish के पहुंचते ही विधान परिषद में विपक्ष का वॉकआउट • कुछ देर बाद लौटे विपक्षी सदस्य, फिर भी कार्यवाही स्थगित • पांच दिन का शीतकालीन सत्र हंगामे के बीच खत्म

Bihar Vidhansabha Session 2025 का समापन शुक्रवार को भारी राजनीतिक हंगामे, आरोप-प्रत्यारोप और तीखी बहसों के बीच हुआ। बिहार विधानसभा और विधान परिषद—दोनों सदनों में पूरे दिन माहौल गर्म रहा। पहले विधानसभा की कार्यवाही स्पीकर प्रेम कुमार ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की, इसके बाद विधान परिषद में भी विपक्ष के सवालों और विरोध के बीच सभापति ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इस तरह पांच दिन चला सियासी गहमागहमी से भरा शीतकालीन सत्र औपचारिक रूप से समाप्त हो गया।

Bihar Assembly Session 2025 में दिनभर चला हंगामा

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। आर्थिक नीतियों, पूरक बजट, प्रशासनिक विफलताओं और जनहित से जुड़े कई मुद्दों पर विपक्ष के सदस्यों ने सरकार पर तीखे सवाल दागे। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार नोकझोंक होती रही, जिससे सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही।

आखिरकार बढ़ते शोर-शराबे के बीच स्पीकर प्रेम कुमार ने गवेल बजाते हुए Bihar Assembly Session 2025 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही 18वीं बिहार विधानसभा का यह पांच दिवसीय सत्र औपचारिक रूप से समाप्त हो गया।

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CM Nitish के पहुंचते ही विधान परिषद में बढ़ा तापमान

विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद पहुंचे। जैसे ही मुख्यमंत्री सदन में दाखिल हुए, विपक्ष के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी तेज कर दी और वॉकआउट कर दिया। हालांकि कुछ ही मिनटों बाद विपक्ष के सदस्य वापस सदन में लौट आए और सदन का संचालन दोबारा शुरू हुआ।

लेकिन माहौल पूरी तरह शांत नहीं हो सका। विपक्ष ने एक बार फिर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए और जवाबदेही की मांग की। बढ़ते विरोध और हंगामे को देखते हुए सभापति ने विधान परिषद की कार्यवाही को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

Bihar Legislative Council Session भी हंगामे में समाप्त

इस तरह Bihar Legislative Council Session का अंत भी शांतिपूर्वक नहीं, बल्कि राजनीतिक तनाव और विरोध-प्रदर्शन के साथ हुआ। सदन में सरकारी कामकाज से जुड़े कई मुद्दों को लेकर विपक्ष ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। सत्ता पक्ष ने भी अपने स्तर पर जवाब देने की कोशिश की, लेकिन दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन सकी।

विधान परिषद के स्थगन के साथ ही बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र पूरी तरह समाप्त हो गया।

स्पीकर प्रेम कुमार का समापन संबोधन

सत्र के समापन के दौरान स्पीकर प्रेम कुमार ने सभी सदस्यों को आने वाले नए वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की असली ताकत गरिमापूर्ण बहस में होती है और मतभेद अपनी जगह होते हैं, लेकिन सदन की मर्यादा सबसे ऊपर होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि सीमित समय के बावजूद इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य पूरे किए गए, जो बिहार के विकास के लिए जरूरी हैं। स्पीकर ने सत्ता और विपक्ष—दोनों पक्षों के सहयोग के लिए आभार जताया।

पांच दिन का सत्र, लेकिन राजनीतिक तापमान चरम पर

यह शीतकालीन सत्र भले ही केवल पांच दिन का रहा, लेकिन इसमें राजनीतिक गतिविधियों का पारा लगातार ऊंचा रहा। हर दिन किसी न किसी मुद्दे पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। कभी बजट को लेकर, कभी कानून व्यवस्था पर, तो कभी विकास योजनाओं के क्रियान्वयन पर तीखी बहस देखने को मिली।

आखिरी दिन तो हालात इतने बिगड़े कि दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा।

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विपक्ष का आरोप, सरकार का पलटवार

विपक्ष का आरोप है कि सरकार जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर जवाब देने से बचती रही। आर्थिक मोर्चे पर विफलता, प्रशासनिक तंत्र के कमजोर होने और योजनाओं के सही तरीके से लागू न होने के आरोप विपक्ष ने जोर-शोर से उठाए।

वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार विकास के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ रही है और विपक्ष सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बेवजह हंगामा कर रहा है।

2026 में अगला सत्र, नए मुद्दों के साथ

अब यह शीतकालीन सत्र 2025 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। सदन की अगली गूंज अब 2026 में सुनाई देगी, जब नए मुद्दे, नए प्रस्ताव और नई राजनीतिक चुनौतियों के साथ विधानसभा का अगला सत्र शुरू होगा।

हालांकि सदन का यह सत्र खत्म हो गया है, लेकिन बिहार की राजनीति में हलचल थमी नहीं है। सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी संघर्ष आगे भी जारी रहने वाला है।

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