बिहार में मॉनसून पूरी तरह सक्रिय है। बारिश का असर सबसे ज्यादा उत्तर बिहार में देखने को मिल रहा है क्योंकि मुजफ्फरपुर और पूर्णिया के ऊपर से मॉनसून की एक खास प्रकार की मौसमीय रेखा गुजर रही है। इसी कारण पूरे राज्य में बहुत भारी बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने तात्कलिक पूर्वानुमान में बताया कि मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, पट्ना, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, बेगूसराय, दरभंगा, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज जिले के कुछ भागों में अगले दो से तीन घंटे में मध्यम दर्जे की मेघ गर्जन, वज्रपात, हवा (हवा की गति 30-40 कि. मी. प्रति घंटे तक) के साथ वर्षा होने की संभावना है।
शनिवार को पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली समेत कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई। पटना और पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन पर दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया, जिससे रेल यातायात और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जमुई में एक पुल धंस गया, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। लखीसराय में तेज बहाव से सड़क बह गई। इन घटनाओं के अलावा राज्य के अन्य हिस्सों से भी बारिश की वजह से नुकसान और परेशानी की खबरें सामने आ रही हैं।
रविवार को भी सुबह से ही कई जिलों में तेज बारिश हो रही है और मौसम विभाग ने आज के लिए भी चेतावनी जारी की है। 20 जिलों में भारी से अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके लिए डेंजर अलर्ट जारी किया गया है। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीवान और सुपौल जिलों में आज अत्यंत भारी बारिश हो सकती है. वहीं गोपालगंज, बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और खगड़िया में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. राज्य के बाकी जिलों में भी तेज बारिश के आसार बने हुए हैं।
पटना जिले के पंडारक, अथमलगोला, मोकामा, घोसवरी और बाढ़ जैसे इलाकों में खेतों में लगी हजारों एकड़ की धान की फसल पानी में डूब चुकी है। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। राजधानी पटना की स्थिति भी बहुत खराब हो गई है। शहर की कई मुख्य सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे आम लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है। जलनिकासी की व्यवस्था फेल हो चुकी है और जगह-जगह जाम और जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
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