बिस्कोमान चुनाव में पुनर्मतगणना के निर्णय पर भड़के सुनील सिंह, बिहार सरकार पर गंभीर आरोप

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पटनाः बिस्कोमान निदेशक मंडल का चुनाव काफी हंगामे के बाद संपन्न हुआ था। दो गुटों में मारपीट देखने को मिली थी। शाम तक सुनील सिंह के खेमे में जश्न का माहौल भी दिखा था, लेकिन इस चुनाव में मतों की गिनती पर विवाद शुरू हो गया। मामला केन्द्रीय सहकारिता प्राधिकार के पास पहुंच गया। फिर प्राधिकार ने पुनर्मतगणना का आदेश दे दिया। इसके बाद जीते हुए उम्मीदवारों में तो खलबली मच गई, वहीं हारने वालों के चेहरे पर मुस्कान और उम्मीद छलक उठी। अब एक फरवरी को फिर से वोटों की गिनती की जाएगी।

वहीं राजद के पूर्व एमएलसी और बिस्कोमान के पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह ने इसे एक बड़ी साजिश करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुनर्मतगणना के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की संभावना है।

बता दें कि 24 जनवरी को बिस्कोमान मंडल के चुनाव के बाद विजयी उम्मीदवारों को सर्टिफिकेट मिलने की तैयारी चल रही थी, तभी केन्द्रीय सहकारिता प्राधिकार का आदेश आया कि अब वोटों की गिनती फिर से होगी। दरअसल चुनाव के बाद प्राधिकार के पास शिकायत पहुंची कि वोटों की गिनती में गड़बड़ी हुई है। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि निदेशक पद के दावेदार मनोज कुमार यादव एक वोट से हार गए और एक वोट से रमेश चौबे जीत गए। झारखंड की कमला तिरिया दो वोट से हार गई। शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि के लिए प्राधिकार ने फिर से वोटों की गिनती करवाने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद बिस्कोमान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुनील सिंह ने कहा कि पुनर्मतगणना का आदेश संविधान की हत्या है।

बिस्कोमान चुनाव में पुनर्मतगणना के निर्णय पर भड़के सुनील सिंह, बिहार सरकार पर गंभीर आरोप 1

निर्वाचन पदाधिकारी डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने लोकल 18 को बताया कि कुछ प्रत्याशियों द्वारा अवैध मत-पत्रों की संख्या से प्राप्त मतों की संख्या में अंतर कम होने की आशंका से फिर से गिनती करवाने को लेकर आवेदन दिया था. इसपर विचार करते हुए प्राधिकार ने आदेश दिया है. इसीलिए 1 फरवरी को पुनर्मतगणना सीसीटीवी की निगरानी में की जाएगी।

बीते दिनों हुए चुनाव और गिनती के आधार पर यह तय था कि पूर्व एमएलसी सुनील सिंह की पत्नी वंदना सिंह को ही बिस्कोमान का नया अध्यक्ष बनाया जायेगा। 17 सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें 33 लोगों ने नामांकन दर्ज किया था। इस चुनाव में सुनील सिंह के खेमे वाले 12 उम्मीदवारों की जीत हुई थी, जबकि 5 विशाल सिंह के समर्थकों की जीत हुई। सुनील सिंह के खेमे में खुशी का माहौल भी दिख रहा था, लेकिन अब एक फरवरी का इंतजार करना होगा।

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