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पटनाः आगामी 10 जुलाई से बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान सरकार को घरने की तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन में नीतीश तेजस्वी की सरकार को घेरने की रणनीति तय कर ली है। सत्र के दौरान बीजेपी शिक्षक नियुक्ति, भ्रष्टाचार, अपराध समेत अन्य मुद्दों को लेकर को घेरेगी। ऐसे में मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं।

दरअसल, 10 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति तय कर ली है। बिहार में शिक्षक नियुक्ति, पुल निर्माण और टेंडर में व्याप्त भष्टाचार, राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और 10 लाख नौकरी के मुद्दे पर बीजेपी महागठबंधन की सरकार को सत्र के दौरान घेरेगी। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी कहा है कि सरकार ने काफी कम अवधि के लिए इस बार मानसून सत्र बुलाया है, जो अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे बिहार में सरकार ने काफी छोटा सत्र बुलाने का काम किया है लेकिन बीजेपी ने तय किया है कि विभिन्न मुद्दों को लेकर 13 जुलाई को पटना के गांधी मैदान से विधानसभा तक बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता मार्च करेंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे कि वह 10 लाख सरकारी नौकरी कब तक देगी। इसके साथ ही सीटेट, बीटेट, एसटेट और नियोजित शिक्षकों की सीधी नियुक्ति हो इसको लेकर बीजेपी आवाज उठाएगी। इस आंदोलन के जरिए शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग भी उठाई जाएगी।

सम्राट चौधरी ने कहा है कि बिहार में कानून का राज पूरी तरह समाप्त हो गया है और सरकार का अपराधीकरण हो गया है। बिहार राज्य में कोई कानून नाम का चीज नहीं रह गई है और राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है। राज्य में भ्रष्टाचार भी व्याप्त है, जिस तरह सुल्तानगंज में पुल गिरा लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार की संलिप्ता के आधार पर ही भ्रष्टाचार होता है और उसके जिम्मेदार नीतीश कुमार हैं महागठबंधन के लोग हैं। शिक्षक अभ्यर्थियों का जो अपमान हो रहा है उसके लिए भी नीतीश कुमार और महा गठबंधन की सरकार जिम्मेदार है। 

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विधायकों से मुलाकात पर सम्राट ने कहा कि नीतीश के MLA और MLC उनके साथ नहीं हो इसलिए मीटिंग बुलाते हैं। नीतीश कुमार को डर है कि विधायक उन्हें छोड़कर नहीं चले जाएं क्योंकि बिहार की जनता को बीजेपी के साथ चल चुकी है। नीतीश कुमार के साथ अब कोई रहने वाला नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव महागठबंधन के वोटर आधे हो जाएंगे इसमें कहीं कोई संशय नहीं है। जिस नेता के पास कुछ नहीं बचता है तो वह लोगों को जबरन पकड़ना शुरू कर देता है।

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