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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. अभी तक के रुझानों में एनडीए और महागठबंधन में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की रश्मि वर्मा ने अपना परचम लहरा दिया है.
साल 2008 के परिसीमन के बाद जब नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र के लिए पहली बार अक्टूबर 2010 में चुनाव हुए, तो भारतीय जनता पार्टी ने इस नई विधानसभा पर अपना कब्जा जमाया. लेकिन 5 साल बाद लालू यादव और नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन के घटक दल के रूप में कांग्रेस ने इस सीट पर अपना परचम लहरा दिया. 2015 में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विनय वर्मा ने यहां से बीजेपी की प्रत्याशी रेणु देवी को 15000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया. इन दोनों चुनावों के परिणामों को देखने के बाद 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र के नतीजे कैसे होंगे, इस पर सियासी रणनीतिकारों की नजरें टिकी हुई हैं.
2010 के विधानसभा चुनाव में नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. उस समय पूरे विधानसभा में 216 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की औसत संख्या 1000 से कम (922) थी. वहीं, 5 साल के बाद जब 2015 में चुनाव हुए, तो न सिर्फ पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ गई, बल्कि हर मतदान केंद्र पर वोट देने वाले मतदाताओं की संख्या में भी अंतर आ गया था. 2015 के चुनाव में विधानसभा के लिए 234 मतदान केंद्रों में से हर एक पर औसतन 1000 से ज्यादा (1039) वोटर ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. 2010 में जहां 1.18 लाख से ज्यादा मतदाता थे, वहीं 2015 में इस सीट पर हुए चुनाव के लिए कुल 1.52 लाख से ज्यादा वैध मत डाले गए.
पिछले 10 साल में इस विधानसभा क्षेत्र के लिए दो बार वोट डाले गए. पहली बार बीजेपी तो दूसरे चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. दोनों ही चुनावों में विजेता उम्मीदवार की जीत के अंतर पर गौर करें, तो इसमें कमी देखी जा सकती है. 2010 में बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ने वाले सतीश चंद्र दुबे ने 45 हजार से अधिक वोट (45022) लाकर कांग्रेस के प्रत्याशी आलोक प्रसाद वर्मा को 20000 से अधिक वोटों से हराया था. कांग्रेस उम्मीदवार को 24794 वोट मिले थे. वहीं, 2015 के चुनाव में कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतरे विनय वर्मा ने अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार बीजेपी की रेणु देवी को 16 हजार से अधिक मतों से हराया. विनय वर्मा को जहां 57212 वोट प्राप्त हुए थे, वहीं रेणु देवी ने 41151 मत हासिल किए थे.
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