- Advertisement -

बक्सर: बक्सर में भगवान श्रीराम की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई जानी है। प्रतिमा की ऊंचाई 1000 फीट होगी, इसे स्टैच्यू ऑफ ऑलमाइटी का नाम दिया गया है। योजना इसी साल इस प्रतिमा को स्थापित करने की है। लेकिन उससे पहले ही फ्रॉड हो गया है।
बक्सर के केशोपुर में मंदिर स्थापना हेतू जिस जमीन के लिए एडवांस दिया गया वो जमीन सरकारी निकली। दरअसल, भू- माफिया ने सरकारी जमीन को अपनी जमीन बताकर बीजेपी नेता सत्येंद्र कुंवर से डील कर ली थी।

भाजपा नेता सत्येंद्र कुंवर ने 10.56 लाख रुपए एडवांस में दिए। जिस 97 बीघा 14 कट्ठे की जमीन के लिए उन्होंने एडवांस दिया था, वो जमीन दरअसल बिहार सरकार की है।
ये जालसाजी बलिया के तीन भाइयों ने की है। इन्होंने 97 बीघा सरकारी जमीन को अपना बताया। इसके डॉक्यूमेंट्स भी सत्येंद्र को दिखाए, जिन्हें सिमरी के तत्कालीन सीओ की मिलीभगत से तीनों भाइयों ने बनवाए थे।

सत्येंद्र ने कहा कि सरकारी अफसर की मिलीभगत से बनाए गए डॉक्यूमेंट्स बिल्कुल सही लगे। सरकारी वेबसाइट पर भी चेक किया गया था। सब ठीक लगने के बाद बयाना के तौर पर एक बार पहले 5,101 और दूसरी बार में 10 लाख 51 हजार रुपए दिए। जब जमीन दिखाने वाले को जमीन की मापी के लिए कहा गया तो वह आनाकानी करने लगा। बाद में पता चला कि जमीन सरकारी है।

बक्सर के अहिरौली में 7 नवंबर 2022 को सनातन संस्कृति समागम का आयोजन किया गया था। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे यहां विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति (1008 फीट) बनाने का आह्वान किया था। इसके बाद स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने सनातन संस्कृति के मंच से इसकी घोषणा की थी।
भगवान राम की प्रतिमा की लंबाई 308 फीट की होगी तथा इस प्रतिमा को जिस विशाल रामायण भवन पर स्थापित किया जायेगा, उसकी ऊंचाई 700 फीट होगी। इस तरह प्रतिमा की कुल ऊंचाई 1008 फीट की होनी है। तीन मंजिला इमारत के ऊपर भगवान की मूर्ति पराक्रम रूप में होगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री के आह्वान के बाद जमीन तलाशी जाने लगी। जहां मंदिर बनाया जान था, उसके लिए करीब 200 बीघा जमीन की आवश्यकता थी। जमीन तलाश करने का जिम्मा भाजपा नेता सत्येंद्र कुंवर को दिया गया। उन्होंने अपने स्तर से जमीन तलाश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
बलिया के तीन भाइयों ने सरकारी जमीन को अपना बताकर बीजेपी नेता के साथ डील की। जिसके बाद तत्कालीन सीओ की संलिप्तता से सरकारी जमीन सत्येंद्र कुंवर को बेचने की बात तय हुई थी। हालांकि, जब तक बीजेपी नेता को शक हुआ तब तक तीनों उनसे 10 लाख रुपए की ठगी कर चुके थे।

जब साडी बातें साफ हो गयीं तब बीजेपी नेता के बेटे ने 16 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की।
बीजेपी नेता के बेटे सचिन कुमार ने 16 अगस्त को इस मामले में तिलक राय के हाता थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। सचिन ने प्राथमिकी में वेंद्र प्रताप गिरी, सत्येंद्र प्रताप गिरी और नागेंद्र प्रताप गिरी तीनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। डुमरांव अनुमंडल के डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी ने कहा कि एक मामला संज्ञान में आया है। 3 व्यक्तियों ने फर्जीवाड़ा किया है।

इस पर 16 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें 3 नामजद हुए, 2 लोगों को यूपी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस ने देवेंद्र प्रताप गिरी और सतेंद्र प्रताप गिरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिलहाल नागेंद्र प्रताप गिरी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। डीएसपी ने बताया कि जमीन पर श्रीराम की प्रतिमा बनाने के लिए एग्रीमेंट हुआ था। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने जमीन की कीमत 66 लाख बताकर 10 लाख रुपए ठग लिए।

सचिन कुमार ने आरोप लगाया कि 2018 के तत्कालीन सीओ आमोद कुमार ने इस जमीन को रैयती के रूप में ट्रांसफर किया था। वहीं, 2023 के तत्कालीन सीओ अनिल कुमार ने इस जमीन पर एलपीसी जारी कर दिया। सिमरी के प्रभारी अंचल अधिकारी आरओ राहुल कुमार ने बताया कि अगर सरकारी जमीन का किसी नाम से म्यूटेशन हो गया है तो वह रद्द कर दिया जाएगा।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here